ऋषिकेश, 2 फरवरी। परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती ने कहा की ‘‘हमारी पृथ्वी जैव-विविधता की दृष्टि से अत्यंत समृद्ध ग्रह है।’’ सभी प्राणियों और प्रजातियों को पृथ्वी पर रहने का समान अधिकार प्राप्त है, परन्तु वर्तमान समय में हमने अपने विकास के लिये दूसरे प्राणियों का जीवन मुश्किल में डाल दिया हैं। वास्तव में पृथ्वी, पर्यावरण, हमारा जीवन और विकास सब एक-दूसरे से जुड़े हुये हैं इसलिये जैव-विविधता का सरंक्षण जरूरी है, तभी हमारा जीवन भी सुरक्षित रह सकता है। स्वस्थ जीवन और स्वस्थ ग्रह के लिए आर्द्रभूमि और जल स्रोतों का महत्वपूर्ण योगदान हैं। आईये आज वल्र्ड वेटलैंड दिवस के अवसर पर अपने आस-पास की झीलों, नदियों, तलाबों और जलस्रोतों के संरक्षण का संकल्प ले क्योंकि ‘‘जल है तो जीवन है! जल है तो कल है’’ परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती ने संदेश दिया की ‘जल क्रान्ति को जन क्रान्ति बनाये! जल आन्दोलन को जन आन्दोलन बनाये’।
हमारी पृथ्वी जैव-विविधता की दृष्टि से अत्यंत समृद्ध ग्रह : स्वामी चिदानन्द सरस्वती
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