हरिद्वार 9 मार्च। देश में सहकारी आंदोलन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से, केंद्रीय सहकारिता मंत्रालय सहकारी समितियों के कामकाज को सुव्यवस्थित करने और सभी राज्यों में उनके प्रभावी कार्यान्वयन को सुनिश्चित करने की दिशा में काम कर रहा है। केंद्रीय सहकारिता राज्य मंत्री बीएल वर्मा ने आज शनिवार को पतंजलि हरिद्वार में सहकारिता सम्मेलन कहा कि, सहकारी समितियों के लिए एक (मार्डन बॉयलॉज) आधुनिक उपनियम के विकास का बनाया जा रहा है। जिसे सभी राज्यों में लागू करने की तैयारी में है। यह कदम देश भर में सहकारी समितियों के कामकाज में एकरूपता और दक्षता लाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। वर्मा ने इस बात पर जोर दिया कि देश के विकास में सहकारिता एक आवश्यक पहलू है और आधुनिक उपनियम (मार्डन बॉयलॉज) सहकारी समितियों के सुचारू संचालन को सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। श्री वर्मा ने कहा कि, केंद्रीय सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने पूरे देश में सहकारिता मंत्रालय को एकीकृत करके एक असाधारण पहल की है। शाह ने एक सहकारी डेटाबेस पेश किया है, जिसमें सभी राज्यों की जानकारी शामिल है, जिससे सहकारी गतिविधियों के लिए महत्वपूर्ण डेटा तक पहुंच आसान हो जाएगी। इस केंद्रीकृत दृष्टिकोण से राष्ट्रीय स्तर पर सहकारी समितियों के समन्वय और निगरानी को बढ़ाने की उम्मीद है, जिससे अधिक प्रभावी प्रशासन और सहकारी पहलों के लिए बेहतर समर्थन मिलेगा। केंद्रीय सहकारिता राज्य मंत्री ने कहा कि, शाह ने सहकारी समितियों को सुव्यवस्थित करने के लिए एक महत्वपूर्ण प्रयास का प्रदर्शन करते हुए 54 में से 53 एनिस्टिव लॉन्च किए हैं। सहकारिता मंत्री डॉ.धन सिंह रावत ने आयोजित सहकारी सम्मेलन में देश के विकास में सहकार और सहकारिता के महत्व पर जोर दिया गया। सम्मेलन में उन्होंने सरकार, व्यवसायों और नागरिक समाज सहित सभी क्षेत्रों को समान लक्ष्यों की दिशा में मिलकर काम करने की आवश्यकता पर प्रकाश डाला गया। उन्होंने कहा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का 2047 तक विकसित भारत का सपना एक बड़ा लक्ष्य है, लेकिन यह अप्राप्य नहीं है। ठोस प्रयासों और साझा दृष्टिकोण के साथ, भारत में विभिन्न क्षेत्रों में वैश्विक नेता बनने की क्षमता है। उत्तराखंड सहकारिता के सभी प्रतिनिधि विकसित भारत के लिए अपना योगदान देंगे और कार्य करेंगे। राज्य के सहकारिता विभाग ने पिछले 7 वर्षों में हर गाँव में समितियों, कोऑपरेटिव बैंकों, सहकारी संस्थानों और अन्य पहलों की स्थापना के साथ महत्वपूर्ण विकास किया है। इसके परिणामस्वरूप लगभग 9 लाख व्यक्तियों / किसानों को 0% की ब्याज दर पर साढ़े पांच हज़ार करोड़ रुपये के ऋण का प्रावधान हुआ है। परिणामस्वरूप, किसानों की आय दोगुनी हो गई है, जो एक बड़ी उपलब्धि है। उन्होंने कहा जब हमने 2017 में कार्यभार संभाला, तो सहकारिता विभाग अपेक्षाकृत अज्ञात था। हालाँकि, किसानों की आय को दोगुना करने की अपनी सिद्ध क्षमता के कारण यह अब राज्य में व्यापक रूप से चर्चित और सम्मानित विभागों में से एक बन गया है। यह सफलता केंद्र सरकार, विशेष रूप से प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी और सहकारिता मंत्री अमित शाह के अटूट समर्थन से संभव हुई है, जिन्होंने विभाग की वृद्धि और प्रगति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड के सीईओ आचार्य बालकृष्ण ने कहा कि, उत्तराखंड के, सहकारिता मंत्री के रूप में डॉ. धन सिंह रावत द्वारा किए गए सराहनीय कार्यों का प्रमाण है। समाज के आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों में खुशी और आत्मनिर्भरता लाने के उनके प्रयास रहे हैं। उन्होंने कहा कि, समाज के आर्थिक रूप से वंचित वर्गों को खुशी और आत्मनिर्भरता प्रदान करने के उद्देश्य से डॉ. रावत की पहल समावेशी विकास और कल्याण के प्रति एक मजबूत प्रतिबद्धता को दर्शाती है। निबंधक आलोक कुमार पांडेय ने भी संबोधित किया। संचालन संयुक्त निबंधक एमपी त्रिपाठी ने किया। इस से पूर्व सहकारिता विभाग की 6 वर्ष की उपलब्धियां पर कॉफी टेबल का विमोचन किया गया। इस पुस्तक में राज्य के 13 जिलों की सफलता की कहानियाँ का उल्लेख किया गया है। जिला सहकारी बैंक लिमिटेड हरिद्वार व उत्तरकाशी जिला सहकारी बैंक लिमिटेड के 5 वर्षों की उपलब्धियां पर विकास पुस्तिका का विमोचन भी मुख्य अतिथि द्वारा किया गया। एनसीडीसी ने बहुउद्देशीय प्रारम्भिक कृषि ऋण सहकारी समिति लिमिटेड चमोली, बहुउद्देशीय कुँवरपुर किसान सेवा सहकारी समिति लिमिटेड, नैनीताल, हिमालयन फ्लोरा स्वायत्त सहकारिता चमोली, देवभूमि मत्स्य पालन सहकारी समिति लिमिटेड, चमोली, उमंग स्वायत्त सहकारिता, टिहरी गढ़वाल, उषामठ महिला स्वायत्त सहकारिता, रुद्रप्रयाग, उत्कृष्ट के लिए चयन किया था, मुख्य अतिथि बीएल वर्मा व सहकारिता मंत्री डॉ धन सिंह रावत ने इन समिति के प्रतिनिधियों को उत्कृष्ट कार्य करने के लिए पुरस्कार से सम्मानित किया। सीमांत जनपद पिथौरागढ़ चमोली उत्तरकाशी सहित सभी 13 जनपदों से सहकारी प्रतिनिधियों ने इस सहकारी सम्मेलन, सहकारी चिंतन में करीब 1500 की संख्या में हिस्सा लिया। हरिद्वार के एडीसीओ अमित कुमार ने बताया कि 1500 सहकारी प्रतिनिधियों ने रजिस्ट्रेशन कराया। सहकारी सम्मेलन में 10 जिलों के को-ओपरेटिव बैंकों सचिव एवं महाप्रबंधक, राज्य को-ओपरेटिव बैंक के एमडी, 13 जिला सहायक निबन्धक, यूसीएफ की एमडी, अपर निबन्धक, एमडी एप्पल फेडरेशन, उप निबन्धक मुख्यालय सहित अनेक अधिकारी मौजूद थे। सम्मेलन में दूर दराज के जिलों से सहकारी प्रतिनिधि बसों से कल ही कल शुक्रवार शाम को हरिद्वार प्रेम नगर आश्रम में पहुंच गए थे।