Pahaad Connection
Breaking Newsउत्तराखंडदेश-विदेश

राष्ट्र निर्माण में पत्रकारों की भूमिका पर दिया जोर

Advertisement

देहरादून 8 सितंबर। लेफ्टिनेंट जनरल एमवी सुचिंद्र कुमार, पीवीएसएम, एवीएसएम, वाईएसएम, वीएसएम, जीओसी-इन-सी उत्तरी कमान ने आज उधमपुर के रेजांगला हॉल में रक्षा संवाददाता पाठ्यक्रम (डीसीसी-2024) के 34 अखिल भारतीय पत्रकारों का सम्मान किया। पाठ्यक्रम का आयोजन रक्षा मंत्रालय के जनसंपर्क निदेशालय द्वारा किया गया था। डीसीसी-2024, लेफ्टिनेंट कॉर्नेल मनीष श्रीवास्तव, पीआरओ देहरादून के नेतृत्व में कारवार (मुंबई) में एकत्रित हुआ था। पाठ्यक्रम के प्रतिभागी कारवार (मुंबई) में नौसेना मॉड्यूल और सुलूर (तमिलनाडु) में वायु सेना मॉड्यूल से गुजरने के बाद जम्मू पहुंचे। सेना चरण की शुरुआत रत्नुचक सैन्य स्टेशन के दौरे से हुई, जहां बख्तरबंद उपकरणों, प्रशिक्षण गतिविधियों की जानकारी ली गई। युद्ध क्षेत्र की अनुभूति के लिए बाधाओं को पार करने का अभ्यास और टैंक की सवारी। इसके बाद उन्होंने टाइगर डिवीजन द्वारा आर्टिलरी उपकरणों का प्रदर्शन देखा। डीसीसी के पत्रकारों को पुंछ-राजौरी सेक्टर में नियंत्रण रेखा (एलसी) पर घुसपैठ रोधी बाधा प्रणाली (एआईओएस) देखने का मौका दिया गया। उन्हें राजौरी के झंगर और भीमबर गली में नियंत्रण रेखा के साथ आगे के क्षेत्रों में ले जाया गया और क्षेत्र और नियंत्रण रेखा की जनसांख्यिकी के बारे में जानकारी दी गई। पाइनवुड स्कूल, हमीरपुर के अपने दौरे के दौरान उन्होंने छात्रों और शिक्षकों के साथ बातचीत की। कोर्स ने सैनिकों के उन्मुखीकरण प्रशिक्षण को देखने के लिए कोर बैटल स्कूल, सरोल का भी दौरा किया और यात्रा के दौरान भारतीय सेना के सैनिकों के साथ बातचीत की। ऐसे दूरदराज के स्थानों पर पत्रकारों के दौरे से उन्हें भारतीय सेना और आवाम के सैनिकों द्वारा सीमाओं और जम्मू-कश्मीर के भीतरी इलाकों में सामना की जाने वाली कठिनाइयों और चुनौतियों को समझने में मदद मिली। समापन समारोह के दौरान लेफ्टिनेंट कॉर्नेल मनीष श्रीवास्तव, पीआरओ देहरादून और नोडल अधिकारी ने पाठ्यक्रम रिपोर्ट प्रस्तुत की। नामांकित प्रतिभागियों ने अपने अनुभव साझा किए और सेना कमांडर ने प्रतिभागियों को पाठ्यक्रम पूरा होने के प्रमाण पत्र प्रदान किए और रक्षा मामलों पर सकारात्मक और तथ्यात्मक रिपोर्टिंग पर जोर दिया। अपने संबोधन में जीओसी-इन-सी ने उभरते रक्षा पत्रकारों को ऑपरेशनों और ब्रेवहार्ट्स पर रिपोर्ट करने की समझदारी भरी रिपोर्टिंग पर जोर दिया। उन्होंने रक्षा गतिविधियों, खास तौर पर नियंत्रण रेखा और भीतरी इलाकों में रिपोर्टिंग करते समय राष्ट्रीय सुरक्षा पहलुओं पर भी जोर दिया। जीओसी-इन-सी ने राष्ट्र निर्माण में पत्रकारों की भूमिका पर भी जोर दिया। इस अवसर पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि “इस कोर्स का उद्देश्य पूरे देश के पत्रकारों को सशस्त्र बलों के तीनों अंगों की कार्यप्रणाली के बारे में जानकारी देना है। अंत में रक्षा मंत्रालय के जनसंपर्क निदेशालय की ओर से लेफ्टिनेंट कॉर्नेल मनीष श्रीवास्तव ने आभार के प्रतीक के रूप में जीओसी-इन-सी को एक स्मृति चिन्ह भेंट किया।

 

Advertisement

 

 

Advertisement
Advertisement

Related posts

उत्तराखंड के हर जिले में बनेगा संस्कृत गांव, वेदों, पुराणों और उपनिषदों के भजन सुने जाएंगे।

pahaadconnection

पेड़ से टकराकर दुर्घटनाग्रस्त हुई कार, एक की मौत

pahaadconnection

मुख्य सचिव ने किया पुनर्निर्माण कार्यो का निरीक्षण

pahaadconnection

Leave a Comment