देहरादून। डॉक्टर आचार्य सुशांत राज ने आज राजधानी देहरादून मे जानकारी देते हुये बताया की अनंत चतुर्दशी तिथि का आरंभ 16 सितंबर को दिन में 3 बजकर 11 मिनट पर दोपहर बाद आरंभ होगा। वहीं, 17 सितंबर को सुबह 11 बजकर 45 मिनट पर चतुर्दशी तिथि समाप्त हो जाएगा।
सनातन धर्म में अनंत चतुर्दशी का व्रत बहुत ही खास माना जाता है। अनंत चतुर्दशी को अनंत चौदस के नाम से भी जाना जाता है. इस दिन भगवान विष्णु की उपासना की जाती हैं लेकिन, इसी दिन गणेश जी का विर्सजन भी होता है. हिंदू पंचांग के अनुसार, भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि को अनंत चतुर्दशी का त्योहार मनाया जाता हैं। इस बार अनंत चतुर्दशी 17 सितंबर, मंगलवार को मनाई जाएगी। अनंत चतुर्दशी की पूजा के पश्चात इस दिन अनंत सूत्र बांधा जाता है। ये खास सूत्र कपास या रेशम का बसूत्र कपास या रेशम का बना होता है और इस सूत्र से चौदह गांठें बांधी जाती हैं। इस दिन भगवान गणेश से जुड़ी कई झांकियां भी निकाली जाती हैं। इस बार अनंत चतुर्दशी की तिथि का आरंभ 16 सितंबर को दोपहर 3 बजकर 10 मिनट पर शुरू हो जाएगी और इस तिथि का समापन 17 सितंबर को सुबह 11 बजकर 44 मिनट पर होगा। उदयातिथि के अनुसार, अनंत चतुर्दशी इस बार 17 सितंबर, मंगलवार को ही मनाई जाएगी। अनंत चतुर्दशी के दिन गणेश जी का विसर्जन किया जाता है। इस दिन गणेश जी के विसर्जन के लिए सबसे शुभ मुहूर्त दोपहर 3 बजकर 20 मिनट से शाम 4 बजकर 50 मिनट तक रहेगा। ये बहुत ही शुभ मुहूर्त है। आपको कुल 1 घंटा 30 मिनट का समय मिलेगा। विसर्जन से पहले पूजन मुहूर्त- सुबह 6 बजे से 11 बजकर 40 मिनट तक। इस दिन प्रात: काल उठकर स्नान करें और साफ सुथरे वस्त्र धारण करें। पूजा स्थल को साफ करें और उसके बाद गंगाजल का छिड़काव करें। फिर पूजा स्थल पर भगवान विष्णु की प्रतिमा या चित्र स्थापित करें। भगवान विष्णु को अक्षत, फूल, धूप, दीप, नैवेद्य, इत्र, चंदन आदि चीजें अर्पित करें। इस दिन भगवान विष्णु की आरती करें और उनके मंत्रो का जाप जरूर करें। अंत में भगवान विष्णु को अनंत सूत्र अर्पित करें।