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13 जनवरी से शुरू होकर 26 फरवरी को प्रयागराज में समाप्त होगा महाकुंभ

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देहरादून, 02 जनवरी। उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में महाकुंभ का आयोजन कुछ ही दिनों में होने वाला है। इस आयोजन को लेकर पहले से ही कई तैयारियां की जा रही है। महाकुम्भ 2025 में देश के अलग-अलग प्रदेशों से प्रयागराज आने वाले श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए रेलवे स्टेशनों पर 12 भाषाओं में अनाउंसमेंट किया जाएगा। प्रयागराज जंक्शन समेत शहर में एनसीआर (उत्तर मध्य रेलवे) के स्टेशनों पर तीर्थ यात्रियों को उनकी मातृ भाषा में जानकारी दी जाएगी। इसमें हिंदी और अंग्रेजी के साथ गुजराती, मराठी, तमिल, तेलुगू, मलयालम, कन्नड, बांग्ला, असमिया, उड़िया और पंजाबी भाषा प्रमुख रूप से सम्मिलित हैं। धर्म, आस्था और संस्कृति के माहपर्व महाकुम्भ 2025 में आने वाले करोड़ों श्रद्धालुओं की सुरक्षा के दृष्टिगत स्थानीय प्रशासन नित नवीन नवाचार कर रहा है। स्नानार्थियों को डूबने से बचाने के लिए मेले में 4 रोबोटिक बॉय व्यवस्था की जा रही है जो श्रद्धालुओं की सुरक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। प्रयागराज महाकुम्भ में श्रद्धालुओं तक जानकारी पहुंचाने के लिये विभिन्न डिजिटल माध्यम उपयोग किये जा रहे हैं। इसी क्रम में रेलवे स्टेशनों पर इंफॉर्मेशन कियोस्क लगाये जायेंगे, जिनके द्वारा स्क्रीन पर ट्रेनों के साथ ही महाकुम्भ व प्रयागराज की सभी जानकारी 12 क्षेत्रीय भाषाओं में उपलब्ध होगी।
महाकुंभ को देखते हुए त्रिवेणी संगम पर महिलाओं ने विशेष गंगा आरती में हिस्सा लिया है। ये अनुष्ठान आगामी कुंभ मेले के लिए रिहर्सल के तौर पर आयोजित किया गया था। “आज एक विशेष आरती की गई है जो कुंभ मेले के लिए एक रिहर्सल थी। लड़के त्रिवेणी आरती करेंगे और लड़कियां गंगा आरती करेंगी।” आज की आरती लड़के और लड़कियों ने मिलकर की है। यह आरती 11 जनवरी से 28 फरवरी तक महाकुंभ के दौरान हर दिन होगी। इस आरती को देखने के लिए सभी का स्वागत है।” इससे पहले, महाकुंभ 2025 की तैयारी के तहत उत्तर मध्य रेलवे ने प्रयागराज आने वाले तीर्थयात्रियों की सुविधा सुनिश्चित करने के लिए विशेष व्यवस्था शुरू कर दी है। उत्तर मध्य रेलवे के प्रयागराज मंडल ने आधुनिक तकनीक के जरिए टिकट प्रक्रिया को सरल बनाने के लिए एक अभिनव पहल शुरू की है। महाकुंभ के दौरान प्रयागराज जंक्शन और अन्य प्रमुख स्थानों पर वाणिज्य विभाग के समर्पित रेलकर्मी तैनात रहेंगे। इन कर्मियों को हरे रंग की जैकेट पहनाई जाएगी ताकि उन्हें आसानी से पहचाना जा सके। इस पर पीछे क्यूआर कोड छपा होगा। तीर्थयात्री अपने मोबाइल फोन का उपयोग करके इस क्यूआर कोड को स्कैन करके यूटीएस (अनारक्षित टिकटिंग सिस्टम) मोबाइल ऐप डाउनलोड कर सकते हैं। यह ऐप यात्रियों को लंबी कतारों में खड़े हुए बिना अनारक्षित टिकट बुक करने की सुविधा देता है। इस अभूतपूर्व पहल से रेलवे स्टेशनों पर भीड़ कम होगी, जिससे तीर्थयात्री बिना किसी परेशानी के टिकट खरीद सकेंगे। इस प्रक्रिया में डिजिटल भुगतान विकल्पों को शामिल करने से, यह समय बचाने और महाकुंभ में भाग लेने वाले लाखों श्रद्धालुओं के लिए परेशानी मुक्त अनुभव प्रदान करने का वादा करता है। हरे रंग की जैकेट पहने रेलवे कर्मचारी न केवल रेलवे प्लेटफॉर्म पर बल्कि अन्य महत्वपूर्ण स्थानों पर भी तीर्थयात्रियों को टिकट बुकिंग में सहायता करने और आवश्यक मार्गदर्शन प्रदान करने के लिए तैनात रहेंगे। क्यूआर कोड को स्कैन करने से यात्री सीधे यूटीएस ऐप पर पहुंच जाएंगे, जहां वे टिकट बुकिंग के साथ-साथ अतिरिक्त सुविधाओं और सेवाओं के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। उत्तर मध्य रेलवे का यह कदम डिजिटल इंडिया के दृष्टिकोण के अनुरूप है, जो तीर्थयात्रियों को तकनीकी सुविधा प्रदान करता है और दुनिया के सबसे बड़े आध्यात्मिक समागम में उनके अनुभव को बेहतर बनाता है। अभिनव टिकटिंग प्रणाली से महाकुंभ 2025 को न केवल दिव्य और भव्य बनाने की उम्मीद है, बल्कि यह डिजिटल रूप से सशक्त भी होगा, जिससे सभी उपस्थित लोगों के लिए आराम और दक्षता सुनिश्चित होगी।
डॉक्टर आचार्य सुशांत राज ने बताया की महाकुंभ जो हर 12 साल में एक बार आयोजित होता है, 13 जनवरी से शुरू होकर 26 फरवरी को प्रयागराज में समाप्त होगा। मुख्य स्नान अनुष्ठान, जिसे शाही स्नान (शाही स्नान) के रूप में जाना जाता है, 14 जनवरी (मकर संक्रांति), 29 जनवरी (मौनी अमावस्या) और 3 फरवरी (बसंत पंचमी) को होगा।

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