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कमजोर वर्ग को आगे लाने के लिए सरकार प्रतिबद्ध

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देहरादून 30 अप्रैल। उत्तराखंड राज्य सफाई कर्मचारी आयोग के उपाध्यक्ष (राज्य मंत्री) भगवत प्रसाद मकवाना ने बुधवार को नगर निगम देहरादून में पर्यावरण मित्रों से जुड़ी विभिन्न समस्याओं को लेकर समीक्षा बैठक ली। उन्होंने निर्देश दिए कि पर्यावरण मित्रों को सरकार की सभी कल्याणकारी योजनाओं से लाभान्वित किया जाए। इस दौरान उन्होंने कार्यरत सफाई कार्मिकों की संख्या, वेतन ढांचे, भुगतान की नियमितता, वर्दी, सुरक्षात्मकता के प्रावधान, आवास और सामाजिक सुरक्षा योजनाओं तक पहुंच पर विस्तृत चर्चा करते हुए जरूरी निर्देश दिए। उपाध्यक्ष ने कहा कि कमजोर वर्ग को आगे लाने के लिए सरकार प्रतिबद्ध है और उनके हितों की रक्षा के लिए सरकार ने अनेक कल्याणकारी योजनाएं भी संचालित की है। उपाध्यक्ष ने जोर देकर कहा कि हर सफाई कर्मचारी को उसकी मेहनत के लिए समय पर भुगतान मिलना चाहिए। आउटसोर्स सफाई कर्मचारियों का प्रबंधन करने वाले ठेकेदारों को भी यह सुनिश्चित करना चाहिए कि हर महीने समय पर वेतन का भुगतान हो जाए। उपाध्यक्ष ने सफाई कर्मचारियों की समय पर डीपीसी कराने, ऋण उपलब्ध कराने की प्रक्रिया सरल बनाने, सफाई कर्मचारियों की बस्तियों में सामुदायिक भवन, पार्क एवं अन्य मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराने निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि सफाई कर्मचारियों को प्रतिदिन न्यूनतम 500 रुपए के हिसाब से वेतन भुगतान सुनिश्चित किया जाए। सभी सफाई कार्मिकों को ईपीएफ, ईएसआई की सुविधा के साथ प्रत्येक कार्मिक का आईडी कार्ड बनाया जाए। स्थायी कार्मिकों का गोल्डन कार्ड और अस्थाई कार्मिकों का आयुष्मान कार्ड की सुविधा दी जाए। सफाई कार्मिकों के बैंक खाता और आधार कार्ड मिलान और त्रुटियों को ठीक करने के लिए शिविर लगाए जाए। वर्षो से काम कर रहे पर्यावरण मित्रों को नियमितीकरण तक निर्धारित समय के भीतर उनकी वेतन वृद्धि की जाए और प्रत्येक माह निर्धारित तिथि पर उनका वेतन भुगतान किया जाए। उपाध्यक्ष ने कहा कि किसी भी स्तर पर पर्यावरण मित्रों का शोषण और उत्पीड़न बर्दाश्त नही किया जाएगा। उपाध्यक्ष ने कहा की सफाई कार्मिकों के बच्चों की देश में उच्च शिक्षा के लिए 10 लाख तथा विदेश में 20 लाख तक ऋण देने का प्रावधान भारत सरकार ने किया है। शिविर में कार्मिकों को ऋण योजनाओं की जानकारी भी दी जाए। समीक्षा बैठक में एआरटीओ, एलडीएम, जल संस्थान, श्रम विभाग, नगर निगम ऋषिकेश आदि अधिकारियों के उपस्थित न रहने पर उपाध्यक्ष ने नाराजगी जाहिर करते हुए संबंधित अधिकारियों का स्पष्टीकरण भी तलब किया। बैठक में मुख्य नगर स्वास्थ्य अधिकारी डा0 अविनाश मेहता, नगर निगम के अपर आयुक्त हेमंत कुमार वर्मा, सहायक नगर आयुक्त राजवीर सिंह चौहान, जिला विकास अधिकारी सुनील कुमार, समाज कल्याण अधिकारी दीपांकर घिढियाल, एडीपीआरओ संजय बडोनी, आयोग के सदस्य राकेश, नगर पालिकाओं के अधिशासी अभियंता, बड़ी संख्या में सफाई कर्मचारी और उनकी यूनियनों के प्रतिनिधि, सेवा प्रदाता एजेंसियों के प्रतिनिधि आदि मौजूद थे।

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