चमोली। देवभूमि उत्तराखण्ड के जिला चमोली के सुदूर हिमालय के छोटे से गाँव मुन्दोली के रहने वाले हैं कलम सिंह बिष्ट। पूर्व सैनिक सोलो पर्वतारोही, सोलो ट्रेकर (प्रकृति प्रेमी) अल्ट्रा ट्रेल रनर, साइकिलिस्ट जरूरतमंद व बच्चों की प्रतिभा को पहचानने और निखारने का कार्य कर रहे है. दौड़ कराने वाली संगठन – द ग्रेट मावला घाटी अल्ट्रा, जंपिंग गोरिल्ला महाराष्ट पुणे। निकटवर्ती कुसगांव खेड़, महाराष्ट पुणे दौड़ की अवधि कुल दौड़ श्रेणियाँ – 5 (100 मील – 160 किमी), 75 किमी, 50 किमी, 25 किमी, 10 किमी। ऑर्गनाइज़र के अनुसार – ऑर्गनाइज़र का कहना है कि वह विदेशों की तरह कठिनाई के स्तर को बढ़ाना चाहते है। दौड़ने की प्रकृति – असली अल्ट्रा ट्रेल रन कह सकते हैं, यहां पहाड़ हैं, घनी कटीली झाड़ियां हैं, छोटे और बड़े लुढ़कने वाले पत्थर हैं, फिसलन है, 75°-80° तक की ढलान है, सूखी नाले है, सूरज की गर्मी है, बारिश है, ऊपर नीचे दौड़ने का मार्ग, हवा की गति 50 किमी प्रति घंटा, 1200 मीटर की ऊँचाई पर ऊपर नीचे एक स्थान पर 4-5 दौड़ना था, जो कीचड़युक्त संकरा रास्ता हैं। 100 मिल (160 किमी) की इस अल्ट्रा ट्रेल रन मैं माने जाने 15 प्रतिभागीयो ने प्रतिभाग किया था जिनमें एकमात्र कलम सिंह बिष्ट ने समय पर दौड़ पुरा करके गोल्ड मैडल अपने नाम किया। कलम बिष्ट के अनुसार – साहसिक अल्ट्रा रन, इस प्रतियोगिता को करते हुए मुझे बहुत खुश और आनंद आया, वास्तव में मुझे इस तरह के अल्ट्रा रन बहुत पसंद है, सब कुछ उचित योजनाबद्ध था, खाने पीने की व्यवस्था अच्छी थी, मीडिया, फोटोग्राफी, विडियोग्राफी, भोजन, पानी, स्कैनिंग, संचार, सहायक कर्मचारी और सब कुछ बहुत अच्छा था. कलम सिंह बिष्ट के नवयुवक आज भी 20-25 साल के धारकों को अच्छी खासी मात देने में समर्थ हैं, सेना में रहकर देश सेवा की और आम जीवन में आम आदमी बनकर सेवाएं दे रहे है, आपने एक छोटा सा संगठन का गठन किया जो “मुन्दोली राॅयडरस क्लब” के नाम से, संगठन का उदेशय हिमालयन दूर दराज क्षेत्रों के जरूरतमंद बच्चों व प्रतिभावान बच्चो को पहचानना और उनकी प्रतिभा को निखारना। कलम सिंह बिष्ट द्बारा पहाडी दूर दराज क्षेत्रों के बच्चो को साइकिल, आत्मरक्षा, पर्वतारोहण, एथलीट और कला का प्रशिक्षण दीया जा रहा है, जिसे उनकी प्रतिभा, हुनर को एक नयी पहचान मिल सके। “मुन्दोली राॅयडरस क्लब” की एक छोटी सी कोशिश में आप कोई भी अपना योगदान, किसी भी रूप में देकर इसको सफल बनाने में भागीदार बने।
कलम सिंह बिष्ट ने फिर बनाया एक नया रिकॉर्ड जीता गोल्ड मैडल
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