बच्चों में बुखार वायरल और बैक्टीरियल बीमारी जैसे कि फ्लू, जुकाम, कान में इंफेक्शन, ब्रोंकाइटिस और यूरीनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन का एक लक्षण हो सकता है।
बुखार आना, यह बताता है कि हमारा शरीर बीमारी या इंफेक्शन से लड़ रहा है। यह सफेल रक्त कोशिकाओं के उत्पादन को उत्तेजित कर शरीर की रक्षा कर रहा होता है। नींद के दौरान यह फीवर रिस्पॉन्स और बेहतर हो जाता है। इसका मतलब है कि जब सोते समय बुखार बढ़ रहा होता है, तो आपका शरीर इंफेक्शन से लड़ने के लिए और ज्यादा एक्टिव होकर काम कर रहा होता है।
क्या करना चाहिए?
बुखार के कारण बच्चे को बहुत असहज महसूस होता है इसलिए आपको कुछ ऐसा करना चाहिए जिससे उसे आराम मिले या थोड़ा अच्छा महसूस हो सके।
बुखार के कारण शरीर से फ्लूइड्स कम होने लगे और बच्चा डिहाइड्रेट हो जाए। डिहाइड्रेशन की वजह से बच्चे की हालत और बिगड़ सकती है और बुखार की स्थिति खराब भी हो सकती है। इसलिए बुखार आने पर बच्चे को हाइड्रेट रखना जरूरी है।
आप बच्चे को हल्के कपड़े ही पहनाएं। बुखार के इलाज के लिए जबरदस्ती पसीना निकालना सही बात नहीं है।
बच्चे को बुखार कम करने के लिए इबूप्रोफेन दे सकते हैं। यह गोली 6 महीने से बड़े बच्चो को ही दी जाती है।