भाजपा के नवनियुक्त प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी ने प्रदेश सरकार में पंचायतीराज मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है। चौधरी ने मंगलवार सुबह ट्वीट कर मंत्री पद से त्याग पत्र देने की जानकारी साझा की। उधर, भाजपा के सिद्धांत का उल्लंघन करते हुए प्रदेश सरकार के पांच मंत्री अब भी पार्टी के पद पर भी बने हुए है।
भाजपा में एक व्यक्ति एक पद का सिद्धांत है। लिहाजा चौधरी को प्रदेश अध्यक्ष बनाए जाने के बाद उनकी ओर से मंत्री पद से इस्तीफा देना तय था। चौधरी ने सोमवार को प्रदेश अध्यक्ष पद की विधिवत कमान संभालने के बाद मंगलवार को मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया।चौधरी ने ट्वीट कर कहा कि भाजपा प्रदेश अध्यक्ष पद के दायित्व के सम्यक निर्वहन के लिए मंत्री पद से त्यागपत्र दिया है। उन्होंने अपने पहले और दूसरे कार्यकाल में पंचायतीराज मंत्री के रूप में प्रदेश की जनता का सेवा का अवसर प्रदान करने के लिए मुख्यमंत्री का आभार जताया है। उन्होंने अनेक अवसरों पर मार्गदर्शन के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का भी आभार जताया।
प्रदेश सरकार की ओर से चौधरी का इस्तीफा स्वीकार करने के लिए राज्यपाल को संस्तुति भेजी गई।विधानसभा सदस्यों की कुल संख्या का 15 फीसदी तक मंत्री बनाए जा सकते है। प्रदेश में 403 विधायकों की संख्या के हिसाब से प्रदेश सरकार के मंत्रिमंडल में अधिकतम 60 सदस्य हो सकते है। पंचायतीराज मंत्री भूपेंद्र चौधरी के इस्तीफे के बाद वर्तमान में मुख्यमंत्री, दो उप मुख्यमंत्री, 15 कैबिनेट मंत्री, 14 राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार और 20 राज्यमंत्री सहित कुल 52 मंत्री है। मंत्रिमंडल में आठ मंत्री और बनाए जा सकते है।