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एक नया निशान या ध्वज मिलने जा रहा है। जो कि औपनिवेशिक काल की गुलामी की मानसिकता के प्रतीक से छुटकारा दिलाएगा। आगामी शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भारतीय नौसेना के नए निशान को जारी करेंगे। नया निशान कैसा होगा, इसका संकेत प्रधानमंत्री कार्यालय द्वारा जारी किए बयान से स्पष्ट होता है। बयान में कहा गया है कि नया निशान ‘औपनिवेशिक अतीत से दूर..समृद्ध भारतीय समुद्री विरासत के अनुरूप’ होगा।
भारतीय नौसेना के इतिहास को देखा जाय तो 2 अक्टूबर 1934 को नैवल सर्विस को रॉयल इंडियन नेवी का नाम दिया गया। और जब बंटवारे के बाद भारत, पाकिस्तान की सेनाएं बनीं तो नौसेना रॉयल इंडियन नेवी और रॉयल पाकिस्तान नेवी के रूप में बंट गई।
इसके बाद 26 जनवरी 1950 को इंडियन नेवी में से रॉयल शब्द को हटा लिया गया और उसे भारतीय नौसेना नाम दिया गया। आजादी के पहले तक नौसेना के ध्वज में ऊपरी कोने में ब्रिटिश झंडा बना रहता था। जिसकी जगह तिरंगे को जगह दी गई। अब जो जानकारी मिली है नए ध्वज में जो क्रॉस का चिन्ह है उसे हटाया जा सकता है। ध्वज में बना क्रॉस सेंट जार्ज का प्रतीक है।
नौसेना के ध्वज को इसके पहले साल 2001 में अटल बिहारी बाजपेयी की सरकार के समय भी बदला गया था। जिसमें सफेद झंडे के बीच में जॉर्ज क्रॉस को हटाकर नौसेना के एंकर को जगह दी गई ।और ऊपरी बाएं कोने पर तिरंगे को बरकार रखा गया था। नौसेना के ध्वज में बदलाव की मांग लंबे समय से लंबित थी, जिसमें बदलाव के लिए मूल सुझाव वाइस एडमिरल वीईसी बारबोजा की ओर से आया था।
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