श्रीलंका के पूर्व राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे स्वदेश लौटने के बाद कानूनी कार्रवाई का सामना करेंगे। कुछ महीने पहले देश में आए आर्थिक संकट के बाद लोगों ने राष्ट्रपति भवन में हिंसक विरोध प्रदर्शन किया था। इस आंदोलन के बाद तत्कालीन राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे थाईलैंड भाग गए थे। उसके बाद सात हफ्ते बाद वे शनिवार को घर लौटे हैं।
श्रीलंका के पूर्व राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे स्वदेश लौटने के बाद कानूनी कार्रवाई का सामना करेंगे। कुछ महीने पहले देश में आए आर्थिक संकट के बाद लोगों ने राष्ट्रपति भवन में हिंसक विरोध प्रदर्शन किया था। इस आंदोलन के बाद तत्कालीन राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे थाईलैंड भाग गए थे। उसके बाद सात हफ्ते बाद वे शनिवार को घर लौटे हैं।
पार्टी के कुछ कार्यकर्ताओं के लापता होने के मामले में राजपक्षे के खिलाफ कार्रवाई की संभावना है। राष्ट्रपति पद से इस्तीफा देने के कारण राजपक्षे का संवैधानिक संरक्षण समाप्त हो गया है। इसलिए आने वाले समय में उनका राजनीतिक सफर कठिन होगा। राजपक्षे के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामले 2019 में राष्ट्रपति पद ग्रहण करते ही वापस ले लिए गए।
इस बीच, पार्टी के वकील नुलन भोपाजे ने कहा कि दो युवा कार्यकर्ताओं के लापता होने के मामले में सुप्रीम कोर्ट अगले सप्ताह राजपक्षे को समन जारी कर सकता है। भोपाजे ने कहा है कि जब अदालत जुलाई में राजपक्षे को मामले में समन करने की तैयारी कर रही थी, तो वह देश छोड़कर भाग गया।
12 साल पहले देश में गृहयुद्ध खत्म होने के बाद से दो युवा कार्यकर्ता लापता हो गए थे। उस समय रक्षा मंत्रालय पर राजपक्षे का काफी प्रभाव था। आरोप लगाया जा रहा है कि राजपक्षे इन कार्यकर्ताओं के साथ कुछ पत्रकारों के अपहरण के मामले में भी शामिल हैं। राजपक्षे ने इन आरोपों का खंडन किया है।