इस वर्ष धनतेरस की तारिख को लेकर लोगो के मन में काफी भ्रम है। कुछ लोग जहाँ 22 तारीख को धनतेरस मान रहे हैं वही कुछ लोगो का मानना है की धनतेरस की सही तिथि 23 तारीख है । ऐसे में लोगो को धनतेरस की सही तारिख के बारे में पता होना जरूरी है। इस विषय पर पंडितो का कहना है की धनतेरस पर भगवान कुबेर, देवी लक्ष्मी, यम की पूजा की जाती है। इनकी पूजा करने से घर में सुख समृद्धि आदि आती हैं और घर धन-धान्य से भरपूर होता है।
दिवाली से दो दिन पहले धनतेरस का त्योहार मनाया जाता है। जो इस बार 22 अक्टूबर को पड़ रहा है। इस दिन मां लक्ष्मी, धन के देवता कुबेर, धन्वंतरि जी और मृत्यु के देवता यमराज की पूजा की जाती है। इस दिन सोने-चांदी और घर के लिए बर्तन खरीदने की भी परंपरा है। मान्यता है इस दिन विधि विधान की गई पूजा अर्चना करने से घर परिवार में सदैव सुख-समृद्धि का वास बना रहता है। जानिए धनतेरस की पूजा विधि, शुभ मुहूर्त, कथा, आरती, महत्व।
पंडितो का कहना है की इस साल धनतेरस 22 अक्टूबर को है। अब अगर बात करी जाए धनतेरस के शुभ मुहूर्त की तो धनतेरस का शुभ मुहूर्त 22 अक्टूबर, 2022 की शाम 6.02 मिनट पर होगा वहीँ धनतेरस का समापन 23 अक्टूबर, की शाम 4:30 मिनट पर होगा।
धनतेरस पर भगवन धनवंतरी की धातु पीतल खरीदना सबसे शुभ माना जाता है। यही कारण है कि लोग धनतेरस के दिन पीतल के बर्तन खरीदते हैं। लेकिन धनतेरस के दिन पीतल के अलावा सोने, चांदी, तांबे आदि का सामान भी खरीद जा सकता है। इन वस्तुओं को खरीदना भी बेहद ही शुभ माना जाता है। गौरतलब है की धनतेरस के दिन झाड़ू खरीदना भी बेहद ही शुभ मानते हैं। हिंदू मान्यता के अनुसार, झाड़ू मां लक्ष्मी का प्रतीक मानी जाती हैं।ऐसा माना जाता है की धनतेरस के दिन घर में नई झाड़ू लाने से मां लक्ष्मी का आगमन भी आपके घर में हो सकता है और सालों-साल जीवन में धन की कमी नहीं होती है।
धनतेरस पूजा विधि: धनतेरस पूजा के समय भगवान सूर्य, भगवान गणेश, माता दुर्गा, भगवान शिव, भगवान विष्णु, माता लक्ष्मी, कुबेर देव और भगवान धन्वंतरि जी की प्रतिमा स्थापित करें। इसके बाद भगवान धनवंतरि की षोडशोपचार पूजा करें। भगवान धन्वंतरि को गंध, अबीर, गुलाल, पुष्प, रोली, अक्षत आदि चढ़ाएं। उनके मंत्रों का जाप करें। उन्हें खीर का भोग लगाएं। भगवान धन्वंतरि को श्रीफल व दक्षिणा चढ़ाएं। पूजा के अंत में कर्पूर से आरती करें। फिर घर के मुख्य द्वार पर दीपक जलाएं। एक दीपक यम देवता के नाम का जलाएं।
धनतेरस के दिन की परंपरा:
धनतेरस के दिन पीतल, चांदी, स्टील के बर्तन खरीदने की परंपरा है। मान्यता है इस दिन बर्तन खरीदने से धन समृद्धि आती है।
इस दिन शाम के समय घर के मुख्य द्वार और आंगन में दीपक जलाये जाते हैं। क्योंकि इस दिन से दीपावली के त्योहार की शुरुआत हो जाती है।
धनतेरस पर शाम के समय एक दीपक यम देवता के नाम पर भी जलाया जाता है। मान्यता है ऐसा करने से यमदेव प्रसन्न होते हैं और परिवार के सदस्यों की अकाल मृत्यु से सुरक्षा करते हैं।