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उत्तराखंड

हर्षोल्लास से मनाया गया भैया दूज

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देहरादून।

भैया दूज के मौके पर दून में ये पर्व हर्षोल्लास से मनाया गया। भाई विशेष रूप से इस त्योहार को मनाने के लिए अपनी बहनों के यहां गए। बहनों ने भाई के हाथ पर कलावा बांधा और तिलक लगाकर का अभिनंदन किया। उन्हें तरह तरह के पकवान परोसे। उनकी लंबी आयु की कामना की। भाइयों ने भी अपनी बहनों को उपहार दिए और आशीर्वाद दिया। पारिवारिक लोगों के मेल मिलाप से वातावरण में सकारात्मक ऊर्जा फैल रही थी।

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डॉक्टर आचार्य सुशांत राज ने जानकारी देते हुये बताया की कार्तिक शुक्ल द्वितीया को पूर्व काल में यमुना ने यमराज को अपने घर पर सत्कारपूर्वक भोजन कराया था। उस दिन नारकी जीवों को यातना से छुटकारा मिला और उन्हें तृप्त किया गया। वे पाप-मुक्त होकर सब बंधनों से छुटकारा पा गये और सब के सब यहां अपनी इच्छा के अनुसार सन्तोषपूर्वक रहे। उन सब ने मिलकर एक महान् उत्सव मनाया जो यमलोक के राज्य को सुख पहुँचाने वाला था। इसीलिए यह तिथि तीनों लोकों में यम द्वितीया के नाम से विख्यात हुई। जिस तिथि को यमुना ने यम को अपने घर भोजन कराया था, उस तिथि के दिन जो भाई अपनी बहन के हाथ का उत्तम भोजन करता है उसे उत्तम भोजन समेत धन की प्राप्ति भी होती रहती है।

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देश के कई जगहों पर आज आज भी भाईदूज का त्योहार मनाया जा रहा है। रक्षाबंधन की तरह भाई-बहन के प्रेम और स्नेह का प्रतीक भाई दूज का त्योहार दीपावली के बाद मनाया जाता है। हिंदू पंचांग के अनुसार हर वर्ष कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को भाई दूज का पर्व मनाया जाता है। भाईदूज को यम द्वितीया के नाम से जाना जाता है। भाईदूज के त्योहार के मौके पर बहनें अपने भाईयों को तिलक लगाते हुए उनकी लंबी उम्र, अच्छी सेहत, सुख-समृद्धि और अच्छे भाग्य की कामना करती हैं। इस बार भाईदूज की तिथि को लेकर पंचांग में भेद है जिसके कारण कहीं पर कल 26 अक्टूबर को भाईदूज मनाया गया तो कहीं पर आज 27 अक्तूबर को भाई दूज का त्योहार मनाया गया। द्वितीय तिथि दोपहर 12 बजकर 45 मिनट पर समाप्त हो गई थी। इस तरह से दो दिन द्वितीया तिथि होने की वजह से कई जगह पर आज भी भाई दूज का त्योहार मनाया गया।

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार भाई दूज के त्योहार पर भाई अपनी बहन के घर जाकर भोजन ग्रहण करते है फिर बहनें उनको तिलक लगाती हैं। इसके अलावा धार्मिक मान्यता के अनुसार भाई दूज या यम द्वितीया के दिन भाई-बहन साथ-साथ यमुना नदी में स्नान करने का बहुत महत्व है। इस दिन भाई-बहन हाथ पकड़कर यमुना में डुबकी लगाते हैं। शास्त्रों के अनुसार ऐसा करने से यम की फांस और पापों से मुक्ति मिलती है।
बहनों की थाली में इस दिन कलावा, रौली, अक्षत, नारियल,मिठाई और दीपक होना चाहिए। इस दिन बहन के घर भोजन करने और उसे भेंट देकर खुश करने से भाई के जीवन के सभी कष्ट दूर होते हैं।

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