भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने गुजरात में गुरुवार को उम्मीदवारों की पहली सूची का जारी की। पार्टी ने कुल 182 में से 160 सीटों पर उम्मीदवारों ने काम की घोषणा कर दी है। 27 सालों से गुजरात में शासन चला रही भाजपा 69 मौजूदा विधायकों को टिकट दिया है तो कई के उम्मीदों पर पानी भी फेर दिया है। पार्टी ने इस बार युवाओं को तरजीह दिए जाने की बात कहते हुए कई बड़े नेताओं को संगठन की राह दिखा दी है। कांग्रेस और आम आदमी पार्टी से मिल रही चुनौती की काट के लिए पार्टी ने पहली सूची में जातिगत समीकरणों का भी पूरा ध्यान रखा है।
गुजरात की राजनीति में ओबीसी, ट्राइबल और पटेल बेहद प्रभावशाली हैं और किसी भी पार्टी की हार जीत तय करने में इनकी अहम भूमिका होती है, जिन्हें जीत की OTP भी कहा जा रहा है। कांग्रेस और ‘आप’ इन्हें अपनी ओर खींचने की कोशिश में है तो दूसरी भाजपा की चुनौती इन पर अपनी पकड़ कायम रखने की होगी। हालांकि, पहली सूची में इन तीनों जातियों के उम्मीदवारों की संख्या 2017 से कुछ कम दिख रही है। पार्टी को अभी 22 सीटों पर प्रत्याशियों का ऐलान करना है।
पहली सूची में भाजपा ने 39 पटेल उम्मीदवारों को टिकट दिया है। 2017 में पार्टी ने 50 पटेलों को मौका दिया था। हालांकि, पिछले चुनाव में पाटीदार आंदोलन भी एक बड़ा मुद्दा था और पार्टी ने उसकी काट के लिए बड़ी संख्या में इस समुदाय के उम्मीदवारों को मौका दिया था। माना जा रहा है कि पार्टी ने इस बार OTP के अलावा अधिकतर जातियों को साधने की रणनीति बनाई है। न्यूज 18 गुजराती की एक रिपोर्ट के मुताबिक, पार्टी ने जिन 160 सीटों पर नाम फाइनल किए हैं उनमें 39 पटेल, 23 अनुसूचित जनजाति, 17 कोली पटेल, 16 ओबीसी, 16 क्षत्रिय, अनुसूचित जाति 13, ब्राह्मण 13, 9 ठाकोर, 4 जैन, 1 लोहाना और एक गैर गुजराती को टिकट दिया है। 2017 में भाजपा ने 50 पटेल, 28 ओबीसी, 27 अनुसूचित जनजाति, 18 कोली पटेल, 15 ठाकोर, 13 अनुसूचित जाति, 12 क्षत्रिय, 8 ब्राह्मण, 4 जैन, 3 लोहाना और 4 गैर गुजराति उम्मीदवार को टिकट दिया था।