उत्तराखंड का जोशीमठ का इलाका पिछले कई दिनों से भू धंसाव से प्रभावित है। उत्तराखंड सरकार द्वारा अभी इस समस्या से निजात पाने की कोशिश करी ही जा रही है की जोशीमठ के आसपास के भी कई इलाके जमीन धंसने के खतरे की ज़द में आ गये हैं। जोशीमठ जैसे ही हालात यहाँ से कुछ दूरी पर स्तिथ सेलंग गाँव में भी देखे जा रहे हैं।
यहां न केवल घरों में बल्कि घरों के साथ साथ खेतों में दरारें देखी जा रही हैं। बद्रीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग पर मौजूद सेलंग गाँव के निवासी वर्तमान हालात से काफी डरे हुए और जोशीमठ में पैदा हुए संकट के हालातों ने उनके डर को और बढ़ा दिया है। सेलंग गाँव के निवासियों का मानना है की NTPC के तपोवन-विष्णुगढ़ जलविद्युत परियोजना के चलते ही गाँव में भू धंसाव हो रहा है।
सेलंग निवासी विजेंद्र लाल के अनुसार इस परियोजना की सुरंगें गांव के नीचे बनाई गई हैं। उन्होंने बताया की इन सुरंगों में से एक के मुहाने के पास राष्ट्रीय राजमार्ग पर स्थित एक होटल जुलाई, 2021 में ढह गया और नजदीक का पेट्रोल पंप भी आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हुआ। लाल के कहे अनुसार ढह गए होटल के पास स्थित घरों को भी खतरा है। आगे वो बताते हैं की ‘‘गांव के नीचे एनटीपीसी की नौ सुरंगें बनी हैं। सुरंगों के निर्माण में बहुत सारे विस्फोटकों का इस्तेमाल किया गया था जिससे गांव की नींव को नुकसान पहुंचा है।’’
सेलंग गांव के वन पंचायत सरपंच शिशुपाल सिंह भंडारी इस विषय पर बात करते हुए बताते हैं की ‘‘नुकसान करीब एक दशक पहले उस समय शुरू हुआ था, जब एनटीपीसी ने इलाके में सुरंग खोदनी शुरू की थी। लोगों ने विरोध किया तो एनटीपीसी ने एक निजी कंपनी के माध्यम से घरों का बीमा करवाया। लेकिन, अब जब मकानों में दरारें आ रही हैं तो वह मकान मालिकों को मुआवजा देने से बच रहा है।’’