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धरना प्रदर्शन सरकार के खिलाफ़, बन रहा आम लोगों की परेशानी की वजह

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भारतीय संविधान में अपनी मांगों को लेकर धरना प्रदर्शन करने के लिए सबको बराबर का हक है। जिसका उपयोग आमतौर पर हमें देखने को मिलता है आजादी से पहले ही महात्मा गांधी ने सत्याग्रह करके यह दिखाया था कि अपनी मांगों को मनवाने के लिए इससे बेहतर कोई और तरीका नहीं हो सकता। शांतामई तरीके से किया गया धरना प्रदर्शन ना सिर्फ आम लोगों की आवाज बनता है बल्कि सरकार के कानों तक आपकी आवाज पहुंचाने का सरल तरीका भी है। लेकिन आज के इस भाग दौड़ भरी जिंदगी में अपनी मांगों को लेकर धरना प्रदर्शन रोज की बात हो गई है खास तौर पर जब यह धरना प्रदर्शन हाईवे जाम करके या फिर रोड ब्लॉक करके किया जाता है तो यह आम लोगों के लिए परेशानी का कारण बन जाता है ।

बीते रोज जालंधर के पीएपी चौक में लगभग 11:00 बजे से लेकर शाम 4:00 बजे तक धरना प्रदर्शन के कारण ट्रैफिक जाम था इस कारण आम लोगों को भारी दिक्कत का सामना करना पड़ा यह धरना प्रदर्शन सफाई कर्मचारी और फायर कर्मचारियों ने रेगुलर होने के लिए सरकार के खिलाफ लगाया था। पर इस कारण भारी ट्रैफिक के कारण रोड पर कई किलोमीटर तक का जाम लग गया । अब सबसे बड़ी परेशानी यह है कि अगर इसमें एंबुलेंस फस जाए तो । इसके अलावा और भी कई जरूरी काम जाने वालों का क्या दोष है क्योंकि इस तरह करने से सरकार के कानों तक आवाज भले ही पहुंचे या ना, पर सफर करने वाले आम लोगों के लिए यह परेशानी का सबब बन जाता है ।

धरना प्रदर्शन इतना ज्यादा बढ़ चुका है कि आए दिन हाईवे जाम करके प्रदर्शनकारियों द्वारा हाईवे को जाम करने से आम लोगों को बहुत ज्यादा परेशानी का सामना करना पड़ता है। अपनी बात सरकार तक पहुंचाने का कोई तरीका और भी हो सकता है जिससे कि सरकार तक बात पहुंच जाएं और आम लोगों को परेशानी भी ना हो इस तरह हो सकता है कि किसी सरकारी दफ्तर की बिल्डिंग के बाहर जहां पर आम लोगों को आने जाने में किसी तरह की दिक्कत ना हो वहां धरना प्रदर्शन किया जा सकता है । या एक ऐसी जगह जो कि उदाहरण के तौर पे जंतर मंतर है, वहां पर जाकर अपना रोष व्यक्त किया जा सकता है । इसमें कोई शक नहीं कि जब धरने प्रदर्शन होते हैं और लंबे जाम में एंबुलेंस या फायर ब्रिगेड की गाड़ी जो कि कहीं आग बुझाने के लिए जा रही है वह फस जाए तो कितनी ज्यादा परेशानी हो सकती है ।

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कितनी जाने जा सकती है। इस में कुछ ऐसे विद्यार्थी भी होंगे कुछ ऐसे लोग भी होंगे जो जॉब की इंटरव्यू देने जा रहे होंगे कुछ ऐसे लोग भी होंगे जिनकी फ्लाइट होगी कुछ ऐसे लोग भी होंगे जिनको ट्रेन का पकड़नी है कुछ की शादी भी हो सकती है कारण कोई भी हो सकता है क्योंकि कोई भी यात्री जब इन हाईवे पर यात्रा करता है तो उसका एक ही मकसद होता है कि जल्द से जल्द अपनी मंजिल पे पहुंच जाए ऐसे में धरना प्रदर्शन की वजह से ये सब काम बिगड़ सकते हैं। फिर सोचने वाली बात है कि आम लोग ही इस धरने प्रदर्शन का खामियाजा क्यों भुगते। जब रोश सरकार के साथ है तो फिर उसका दंड आम लोगों को क्यों ? प्रशासन को भी इस बात का ख्याल रखना चाहिए कि कोई भी व्यक्ति कोई भी संस्था हाईवे जाम करके धरना ना लगा पाए ऐसे प्रशासन को सख्ती दिखानी होगी या फिर कुछ ऐसे कानून बनाने होंगे कि यहां पर नेशनल हाईवे को या फिर ऐसे रोड को ब्लॉक ना किया जाए जिसका कोई और अदल-बदल ना हो ।

कुछ लिंक रोड को बेशक ब्लॉक कुछ समय के लिए किया जा सकता है पर फिर भी अगर इससे गुरेज किया जाए तो आम लोगों को दिक्कत परेशानी ना हो अपनी मांगों को मनवाने उनके लिए आज उठाना सबका हक है पर अपने हक पाने के लिए दूसरों के हकों की अनदेखी करना भी असंवैधानिक कदम है । उम्मीद है कि हम इस बात को बेहतर तरीके से समझेंगे और इन धरना प्रदर्शन को सही तरीके से सरकार तक पहुंचाएंगे और आम लोगों का भी ख्याल रखेंगे।

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