हड़ताल में शामिल कर्मचारियों के खिलाफ कड़े कदम उठाते हुए उत्तर प्रदेश में अलग अलग निगमों में आउटसोर्सिंग एजेंसी के जरिए और संविदा पर काम करने वाले लगभग 650 कर्मचारियों की सेवाएं तत्काल रूप से समाप्त कर दी गई हैं। इनमें पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम में 242, मध्यांचल के 110, पश्चिमांचल में 60 और दक्षिणांचल के 38 कर्मचारी भी शामिल हैं। इसके साथ ही साथ एजेंसियों को नोटिस भी जारी कर दी गयी है । कॉरपोरेशन के चेयरमैन एम देवराज ने इस बारे में बात करते हुए बताया कि गाजीपुर में बिजली आपूर्ति के लिए काम कर रही फर्म भारत इंटरप्राइजेज को अपने कर्मचारियों को उपस्थित न करा पाने के कारण फर्म के महाप्रबंधक और सुपरवाइजर राहुल सिंह के खिलाफ कोतवाली गाजीपुर में एफआईआर दर्ज करा दी गई है।इसके अलावा छह अन्य एजेंसियों के खिलाफ भी रिपोर्ट दर्ज कराई गई है। देवराज ने कहा कि भविष्य में इन एजेंसियों को निगम में कार्य करने के लिए प्रतिबंधित कर दिया जाएगा। सभी जिलों में अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि काम न करने वालों के खिलाफ तत्काल एफआईआर दर्ज कराई जाए।
इससे पूर्व उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अराजकता फैलाने वाले बिजली कर्मी सूचीबद्घ किए जाएंगे। बिजली फीडर बंद करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाए। सरकार प्रतिवर्ष 20 हजार करोड़ रुपये पावर कॉर्पोरेशन को उसका घाटा पूरा करने के लिए देती है। वही ऊर्जा मंत्री ऐ के शर्मा ने हड़ताल में शामिल कर्मचारियों को चेतावनी देते हुए कहा की लाइन में फॉल्ट करने वालों को आकाश-पाताल से खोज निकालकर कार्रवाई करेंगे। साथ ही साथ उन्होंने दावा किया की विधुत आपूर्ति पूरी तरह नियंत्रण में है और राज्य में चार हजार मेगावाट सरप्लस बिजली मौजूद है।