नई दिल्ली। राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु ने आज मुदुमलाई टाइगर रिजर्व में एशिया के सबसे पुराने हाथी शिविरों में से एक थेप्पाकाडु हाथी शिविर का दौरा किया और महावतों तथा हाथियों की सवारी करने वालों से बातचीत की। राष्ट्रपति ने बातचीत के दौरान कहा कि यह गर्व का विषय होना चाहिए कि तमिलनाडु वन विभाग की गतिविधियों को ऑस्कर विजेता वृत्तचित्र “द एलिफेंट व्हिस्परर्स” के माध्यम से हाथी देखभाल प्रबंधन के लिए उसे वैश्विक मान्यता मिली है। उन्होंने कहा कि हमारी राष्ट्रीय विरासत को संरक्षित करने के एक हिस्से के रूप में हाथियों की सुरक्षा करना हम सबकी राष्ट्रीय जिम्मेदारी है। राष्ट्रपति ने इस बात पर प्रसन्नता व्यक्त की है कि सरकार एशियाई हाथी संरक्षण में अग्रणी भूमिका निभाने के लिए थेप्पाकाडु हाथी शिविर में एक “अत्याधुनिक हाथी संरक्षण केंद्र और इको कॉम्प्लेक्स” की स्थापना कर रही है। राष्ट्रपति ने कहा कि देश के जनजातीय समुदाय भारतीय सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। इसलिए, उनके संवैधानिक अधिकारों को सुनिश्चित करना और उन्हें बुनियादी सुविधाएं प्रदान करना बहुत ही महत्वपूर्ण है। राष्ट्रपति ने इस तथ्य पर भी प्रसन्नता व्यक्त की है कि बेत्ताकुरुंबर, कट्टुनायकर और मालासर आदिवासी समुदायों के लोगों के पारंपरिक ज्ञान एवं अनुभव का उपयोग थेप्पाकाडु हाथी शिविर के प्रबंधन के लिए किया जा रहा है।
राष्ट्रपति ने किया मुदुमलाई टाइगर रिजर्व में थेप्पाकाडु हाथी शिविर का दौरा
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