जयपुर। पौराणिक तीर्थ संकटमोचन बालाजी धाम,झांझी रामपुरा,यहाँ आने वाले सभी श्रद्धालु भक्तों के बालाजी महाराज की कृपा से सभी संकट दूर हो जाते हैं, राजस्थान के अलवर ज़िले की सीमा के निकट दौसा जिले के (बसवा) से लगभग 5 किलोमीटर की दुरी पर स्थित है जोकि हिंदुओं की आस्था का एक प्रमुख केन्द्र है। यहां रेलमार्ग व् सड़क मार्ग दोनों रास्तो से दर्शनों के लिए आया जा सकता है, यह तीर्थ पौराणिक काल से बह रही गौमुखी जलधारा व् प्राचीन जलकुंडों के लिये प्रसिद्द है। बालाजी के भक्तों का मानना है कि इस पवित्र गौमुखी गंगा में स्न्नान करने से तीर्थ में स्न्नान करने का फल प्राप्त होता है,श्रावण मास में लाखों के संख्या में कावड़िया भक्त गौमुख से जल भर कर ले जाते हैं, साथ ही सभी भक्तजन भी स्न्नान के बाद यह पवित्र जल अपने पात्रों में भर कर अपने घर ले जाते हैं,इस पावन धरा पर एक कमलकुंड भी है जहाँ वर्षभर कमल खिलते रहते हैं। प्राकृतिक आभा से परिपूर्ण संकटमोचन बालाजी धाम झांझीरामपुरा में हिन्दू व जैन देवी देवताओं के ओर भी अनेको मंदिर दर्शनीय हैं जिन में मुख्य रूप से ग्यारह रुद्री महादेव मंदिर, देवनारायण भगवान मंदिर, मीन भगवान मंदिर, अतिशय क्षेत्र दिगम्बर जैन मंदिर,अट्टा हनुमान मंदिर, राधाकृष्ण मंदिर आदि शामिल हैं। संकटमोचन बाला जी धाम में वैसे तो वर्ष भर दर्शनार्थियों की भीड़ बनी रहती है, प्रत्येक मंगलवार को श्रद्धालु यहां बाला जी को चोला चढ़ाते हैं व् सवामणि का प्रशाद लगाते हैं, लेकिन फ़िर भी यहाँ विशेष रूप से प्रत्येक महीने के अंतिम रविवार को धाम के महन्त पूज्य संत बालब्रह्मचारी प्रदीप दास जी महाराज के सान्निध्य में लगने वाले संकटमोचन दरबार में हजारों की संख्या में लोग अपने दैहिक,दैविक व् भौतिक संकटो के निवारण हेतु आते हैं। संकटमोचन धाम के महन्त जी अनुसार यहां आने वाले सभी भक्तों के संकटमोचन बालाजी की कृपा से सभी संकटो का निवारण हो जाता है।संकटमोचन बालाजी धाम पर हनुमान जयन्ती के अतिरिक्त जन्माष्ठमी,शिवरात्रि व् हिंदू कैलेंडर के अनुसार श्रावण मास में यहाँ श्रद्धालुओं की भीड़ विशेष रूप से दिखाई देती है।
संकटमोचन बालाजी धाम पौराणिक काल से लाखों श्रद्धालुओं की आस्था का तीर्थ : महंत प्रदीप दास जी महाराज
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