देहरादून, 11 अगस्त। गोगा वीर जी की माडी देहरादून में चल रही शिव महापुराण कथा के चौथे दिन कथावाचक आचार्य विकास भट्ट महाराज ने शिव विवाह की कथा सुनाई। उन्होंने कहा कि शिव वैराग्य के देव माने गए हैं बाबजूद शिव ने विवाह कर गृहस्थ आश्रम में रहकर वैराग्य धर्म का अनुसरण करने का तरीका बताया। इंसान चाहे तो गृहस्थ जीवन में रहकर भी धर्म का पालन कर सकता है। उन्होनें भगवान के विवाह का वर्णन करते हुए कि मैंना देवी व हिमालय राज की पुत्री के रूप में मां पार्वती जन्म लेकर भगवान शिव की घोर तपस्या की। उसी दौरान तारकासुर के आतंक को खत्म करने के लिये शिव की निद्रा भंग हुई। तब जाकर शिव का विवाह हुआ। कथावाचक ने कहा कि शिव परिवार में भगवान का वाहन नंदी, मां पार्वती गणेश जी का मूषक और कार्तिकेय का वाहन मोर है। विपरीत विचारधारा के बीच सामंजस रखना पुराण सिखाता है। शिव विवाह के पवन प्रसंग के अवसर पर मंदिर समिति द्वारा लगभग 108 दिए मंदिर प्रांगण में प्रज्वलित किए गए और भगवान के विवाह की खुशी मनाई। इस अवसर पर आशा रानी शर्मा, लीलावती, राखी, शर्मा, गीता गर्ग, शिवानी रस्तोगी, मंजू गुप्ता, वंदना रस्तोगी शशि वर्मा, हेमा, शीला, नीलम और शशि राणा के साथ ही रितिक जोशी, केशव मंगाई, मोती दीवान, नरेंद्र शर्मा, सुभाष शर्मा, राजीव रस्तोगी, संजय गर्ग, सुरेश डोरा, अशोक गुप्ता, आचार्य भरत जोशी, आचार्य अतुल शर्मा आदि उपस्थित रहे।