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सावधानी ही डेंगू एवं मलेरिया से बचाव का उपाय

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सहारनपुर। जिलाधिकारी डॉ. दिनेश चन्द्र के निर्देशानुसार मुख्य चिकित्साधिकारी डा0 संजीव मांगलिक के नेतृत्व में प्रतिदिन ब्लॉक एवं ब्लॉक के अन्तर्गत ग्रामों एवं नगर क्षेत्र में स्वास्थ्य शिविर एवं धनात्मक डेंगू रोगी के आस-पास घरों में ग्राम पंचायत एवं नगर निगम के माध्यम से एन्टीलार्वा एवं फॉगिंग कराई जा रही है।

जनपद व ब्लॉक स्तर पर स्वास्थ्य टीम गठित की गयी है जोकि डेंगू रोगी की सूचना प्राप्त होते ही त्वरित कार्यवाही कर रही है। आज ग्राम ग्यासुद्दीन व सिकरी ब्लॉक सरसावा, ग्राम रसूलपुर खेडी व इस्माइलपुर ब्लॉक नागल, ग्राम मैनपुर व बेहडा ब्लॉक नानौता, ग्राम थरौली व पुण्डेन ब्लॉक सुनहेटी खडखडी, लतीश रोड ब्लॉक पुवांरका, ग्राम सागंाखेडा व बल्लु ब्लॉक गंगोह, ग्राम नतौली ब्लॉक देवबन्द, ब्लॉक मुज्जफराबद में 23 व ब्लॉक नकुड में 15 स्वास्थ्य कैम्प लगाये गये। डा0 संजीव मांगलिक मुख्य चिकित्सा अधिकार सहारनपुर एवं श्रीमती शिवाका गौड जिला मलेरिया अधिकारी की टीम द्वारा निरन्तर स्वास्थ्य शिविरों का निरीक्षण किया जा रहा है। स्वास्थ्य टीम द्वारा कार्यवाही के अन्तर्गत रोगियों को दवाई वितरण, सम्भावित रोगियों के घरों में स्प्रे एवं पानी से भरे बर्तन खाली कराये जा रहे है तथा जनमानस को स्वास्थ्य शिक्षा के अन्तर्गत ‘‘क्या करें क्या न करें‘‘ के बारे में जानकारी दी जा रही है।

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मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा0 संजीव मागंलिक द्वारा जनमानस को जानकारी के अन्तर्गत बताया गया किया शरीर में संक्रमण होने पर बुखार होना लाजिमी है। लेकिन सिर्फ बुखार होने का मतलब डेंगू नही है। इसलिये बुखार होने पर घबराएं नहीं बल्कि चिकित्सक की सलाह लें। अचानक तेज बुखार, मांसपेशियों तथा जोडों में दर्द, आंखों के पीछे दर्द जो आंखों को घुमाने से बढता है, जी मिचलाना या उल्टी होन, गंभीर मामलों में नाक, मुंह, मसूडों से खून आना व त्वचा पर चकत्ते उभरना डेंगू के लक्षण हो सकते है। ऐसे लक्षण होने पर नजदीकी स्वास्थ्य केन्द्र व जिला चिकित्सालय में चिकित्सक की सलाह से जांच व इलाज कराएं। डेंगू की जांच जिले में मेडिकल कालेज व जिला चिकित्सालय सहारनपुर में निःशुल्क हो रही है। डेंगू बरसात के मौसम और उसके फौरन बाद के महीनों में सबसे ज्यादा फैलता है। इस मौसम में मच्छरों के पनपने के लिये अनुकूल परिस्थितियां होती है।

जनमानस से अपील करते हुए कहा कि अपने घर एवं छतों पर पडे पुराने टायर, टूटे-फूटे बर्तन इत्यादि जिनमें बरसात का पानी रूका हुआ है को खाली कर दें तथा गमले, कूलर, फ्रिज की ट्रे आदि को सप्ताह में एक बार खाली करें। इसमें ही डेंगू का लार्वा पैदा होता है। जनपद में आज कुल 05 डेंगू पोजिटिव पाये गये है। सावधानी ही डेंगू एवं मलेरिया से बचाव है।

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मलेरिया/डेंगू के लक्षण होने पर क्या करेंः-  तेज बुखार होने पर पैरासीटामोल की गोली ले सकते है। ठण्डे पानी से शरीर को पोंछे। डेंगू उपचार के लिये कोई खास दवा अथवा बचाव के लिये कोई वैक्सीन नहीं है। औषधियों का सेवन चिकित्सकों की सलाह से करें। गंभीर मामलों के लक्षण जैसे (खून आना) होने पर चिकित्सालय में तुरन्त सम्पर्क करें। एसप्रीन व स्टीराइड दवाईयों का सेवन कदापि नही करें। डेंगू रोगी को मच्छरदानी का प्रयोग अवश्य करायें।

ध्यान रखेंः- डेंगू रोग को फैलाने वाला मच्छर शहरी, अर्ध शहरी आबादी वाले मकानों में पाया जाता है, गन्दी नालियों में यह मच्छर नही रहता है, यह मच्छर घरों में साफ इक्ट्ठा पानी में अपने अण्डे देता है। घरों के अन्दर ये पानी कूलर, छत पर खुली टंकियॉ, टीन के खाली डिब्बे, पुराने टायर, गमले, खाली बोतलें, सिर्स्टन, मनी प्लान्ट के गमले आदि में जहॉ पर पानी अस्थाई रूप से एकत्रित रहता है वहीं पर प्रजनन कर अपनी संख्या बढाता है।

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