ऋषिकेश 14 अक्टूबर। वर्ष 1955 से स्थापित तीर्थ नगरी की पौराणिक श्री रामलीला कमेटी सुभाष बनखंडी में क्षीर सागर, श्रवण लीला का शानदार मंचन स्थानीय कलाकारों द्वारा दिया गया। इस मौके पर देवऋषि नारद को भगवान विष्णु ने धरती पर राजा दरशथ के यहां जन्म लेकर राक्षसों का संहार करने के लिए अवतार लेने की बात कही। जिस पर श्रद्धालुओं ने जय श्रीराम के जयकारे लगाकर खुशी का इजहार किया।
बनखंडी स्थित रामलीला मैदान में आयोजित रामलीला मंचन के दूसरे दिन गणेश वंदना, भारत माता वंदना, क्षीर सागर और श्रवण लीला का सुंदर मंचन किया गया। महामंत्री हरीश तिवाड़ी ने बताया कि क्षीर सागर में नारद मुनि को भगवान धरती पर अवतरित होने का वचन देते है, इसके बाद नारद मुनि सहित अन्य देवताओं में खुशी की लहर दौड़ पड़ती है। महामंत्री ने बताया कि लीला के दूसरे दृश्य पर श्रवण लीला का मंचन हुआ।
बताया कि अपने माता पिता को श्रवण जब चारों धामों की यात्रा कराने का संकल्प लेता है, और एक कांवड़ बनाकर उन्हें जंगल के रास्ते ले जाता है। इसी बीच माता पिता को पानी की प्यास लगने पर श्रवण पानी की तलाश में चले जाते हैं। तभी राजा दशरथ शिकार की तलाश में जंगल पहुंचते है और श्रवण को दूर से शिकार समझकर उस पर तीर चला देते है। इसके चलते श्रवण कुमार की मृत्यु हो जाती है। बताया कि यह सुन श्रवण के अंधे माता और पिता राजा दशरथ को पुत्र वियोग में मरने का श्राप दे बैठते है और अपने प्राण त्याग देते है।
इस अवसर पर रामलीला कमेटी सुभाष बनखंडी के अध्यक्ष विनोद पाल, महामंत्री हरीश तिवाड़ी, पार्षद राजेश दिवाकर, राकेश पारछा, रमेश कोठियाल, दीपक जोशी, रोहताश पाल, हुकुम चंद, मनमीत कुमार, पप्पू पाल, मुकेश कुमार, योगेश कुमार, महेंद्र कुमार, अनिल धीमान, ललित शर्मा, अशोक मौर्य, सुभाष पाल, पवन पाल, नीतीश पाल आदि उपस्थित रहे।