Pahaad Connection
Breaking Newsउत्तराखंडज्योतिष

22 अक्टूबर को दुर्गा अष्टमी के दिन बन रहे दो शुभ योग : डॉक्टर आचार्य सुशांत राज

Advertisement

देहरादून। डॉक्टर आचार्य सुशांत राज ने जानकारी देते हुये बताया की दुर्गा अष्टमी का व्रत शारदीय नवरात्रि की अष्टमी यानि आश्विन शुक्ल अष्टमी ति​थि को रखा जाता है। पंचांग के अनुसार इस साल आश्विन शुक्ल अष्टमी ति​थि 21 अक्टूबर शनिवार को रात 09.53 बजे से शुरू हो रही है और 22 अक्टूबर रविवार को शाम 07.58 बजे तक मान्य है। 22 अक्टूबर को दुर्गा अष्टमी के दिन दो शुभ योग बन रहे हैं। उस दिन रवि योग और सर्वार्थ सिद्धि योग का निर्माण हो रहा है। सर्वार्थ सिद्धि योग प्रात: काल सुबह 06 बजकर 26 मिनट से शाम 06 बजकर 44 मिनट तक है। उस दिन रवि योग शाम 06 बजकर 44 मिनट से लेकर अगले दिन सुबह 06 बजकर 27 मिनट तक है।

दुर्गा अष्टमी के दिन मां दुर्गा के आठवें स्वरूप मां महागौरी की पूजा करते हैं। ये आठवीं नवदुर्गा हैं। पौराणिक कथाओं के अनुसार, देवी पार्वती ने कठोर तप से भगवान शिव को प्रसन्न कर लिया था, लेकिन हजारों वर्ष की तपस्या से उनका शरीर काला पड़ गया था। भगवान शिव के आशीर्वाद से उनको महा गौर वर्ण प्राप्त हुआ. उनका वह स्वरूप महागौरी के नाम से जाना जाता है।

Advertisement

डॉक्टर आचार्य सुशांत राज ने बताया की इस बार नवरात्रि का समापन 24 अक्टूबर को होगा। नवरात्रि की पूजा में अष्टमी और नवमी का दिन विशेष महत्व रखता है। इसी दिन से कन्या भोजन भी शुरू होता है। वहीं बहुत से लोग अष्टमी का व्रत भी रखते हैं, जिसका पारण नवमी को किया जाता है।

इस बार शारदीय नवरात्रि की अष्टमी की पूजा 22 अक्टूबर 2023 को की जाएगी। महा अष्टमी नवरात्रि के आठवें दिन आता है। इस दिन महागौरी की पूजा-अर्चना का विधान है। धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक, अष्टमी के दिन माता गौरी की उपासना करने से निसंतान दंपतियों को गुणवान और स्वस्थ संतान की प्राप्ति होती है। जिन महिलाओं को गोद सुनी है वो महाअष्टमी के दिन कन्या पूजन जरूर करें।

Advertisement

नवरात्रि 2023 अष्टमी पूजा शुभ मुहूर्त :-

अश्विन शुक्ल अष्टमी तिथि आरंभ- 21 अक्टूबर 2023 को रात 9 बजकर 53 मिनट से

Advertisement

अश्विन शुक्ल अष्टमी तिथि समाप्त- 22 अक्टूबर 2023 को रात 07.58 तक

नवरात्रि 2023 महा अष्टमी तिथि- 22 अक्टूबर 2023

Advertisement

सुबह का मुहूर्त – सुबह 07.51 – सुबह 10.41

दोपहर का मुहूर्त – दोपहर 01.30 – दोपहर 02.55

Advertisement

शाम का मुहूर्त – शाम 05.45 – रात 08.55

संधि पूजा मुहूर्त – रात 07.35 – रात 08.22

Advertisement

नवरात्रि में कन्या पूजन का महत्व :- नवरात्रि में कन्याओं को भोजन कराना अत्यंत शुभ और फलदायी माना जाता है। दरअसल, छोटी-छोटी बच्चियों को देवी मां का रूप माना जाता है, इसलिए नवरात्र में कन्या पूजा जरूर करना चाहिए। नवरात्रि के अष्टमी और नवमी दोनों दिन कन्या पूजा किया जा सकता है। कन्या पूजन के लिए 10 साल तक की बच्चियों को आमंत्रित करना चाहिए। कन्या पूजा से मां दुर्गा प्रसन्न होती हैं और भक्तों की हर मनोकामना पूर्ण करती हैं।

कन्याओं का पूजन करते समय सर्वप्रथम शुद्ध जल से उनके चरण धोने चाहिए। तत्पश्चात उन्हें स्वच्छ आसन पर बैठाएं। खीर, पूरी, चने, हलवा आदि सात्विक भोजन का माता को भोग लगाकर कन्याओं को भोजन कराएं। राजस्थान, उत्तरप्रदेश एवं गुजरात राज्यों में तो कहीं-कहीं नौ कन्याओं के साथ एक छोटे बालक को भी भोज कराने की परम्परा है। बालक भैरव बाबा का स्वरुप या लांगुर कहा जाता है। कन्याओं को सुमधुर भोजन कराने के बाद उन्हें टीका लगाएं और कलाई पर रक्षासूत्र बांधें। प्रदक्षिणा कर उनके चरण स्पर्श करते हुए यथाशक्ति वस्त्र, फल और दक्षिणा देकर विदा करें। इस तरह नवरात्र पर्व पर कन्या का पूजन करके भक्त माँ की कृपा पा सकते हैं।

Advertisement

शारदीय नवरात्रि 2023 नवमी कब ? :-

शारदीय नवरात्रि की महानवमी 23 अक्टूबर 2023 को है। ये दिन मां सिद्धिदात्री को समर्पित है। अश्विन शुक्ल नवमी तिथि 22 अक्टूबर 2023 को रात 07.58 से 23 अक्टूबर 2023 को शाम 05.44 तक रहेगी। नवमी तिथि शारदीय नवरात्रि का आखिरी दिन होता है। इस दिन हवन-यज्ञ कर नवरात्रि के 9 दिन की पूजा, व्रत संपन्न किए जाते हैं।

Advertisement

सुबह का मुहूर्त – सुबह 06.27 – सुबह 07.51

दोपहर का मुहूर्त – दोपहर 1.30 – दोपहर 02.55

Advertisement

शाम का मुहूर्त – शाम 04.19 – रात 07.19

शारदीय नवरात्रि में कन्या पूजन कब ? :-

Advertisement

डॉक्टर आचार्य सुशांत राज ने बताया की शारदीय नवरात्रि में कन्या पूजन का विशेष महत्व है इसके बिना देवी दुर्गा की 9 दिन की पूजा का फल नहीं मिलता है। कन्या पूजन अष्टमी-नवमी दोनों दिन किया जा सकता है। इसके लिए 2-10 साल तक की कन्याओं को भोजन के लिए आमंत्रित करें।

शारदीय नवरात्रि 2023 व्रत पारण:- शारदीय नवरात्रि व्रत का पारण 24 अक्टूबर 2023 को सुबह 06.27 मिनट के बाद किया जाएगा। निर्णय सिन्धु के अनुसार नवरात्रि का व्रत प्रतिपदा से नवमी तक करना ही सर्वश्रेष्ठ है, इसलिए व्रत को पूर्ण नवमी तक करना चाहिए, दशमी को व्रत खोलना चाहिए।

Advertisement

शारदीय नवरात्रि में देवी पूजा का लाभ:- देवी दुर्गा तेज, शक्ति और सामर्थ्‍य की प्रतीक हैं। धार्मिक मान्यता है कि शारदीय नवरात्रि के 9 दिनों में माता की आराधना करने वालों के सुख, शक्ति, तेज, बल, आत्मविश्वास और ऊर्जा में वृद्धि होती है।

 

Advertisement
Advertisement

Related posts

आदिशक्ति पूजा का पर्व दशहरा

pahaadconnection

ऊर्जा पावर पैंथर्स की टीम ने की खेल मंत्री से मुलाकात

pahaadconnection

‘‘करें योग-रहें निरोग’’ जन जागरूकता हेतु नमामि गंगे के तहत बैटमिंटन हॉल में योग सत्र चलाया गया।

pahaadconnection

Leave a Comment