देहरादून। उत्तराखंड क्रांति दल ने राज्य स्थापना के 23 वर्षगांठ पर राज्य की दशा दिशा पर गोष्ठी का आयोजन पार्टी कार्यालय में महानगर अध्यक्ष बिजेंद्र रावत की अध्यक्षता में किया।
गोष्ठी का संचालन केंद्रीय महामंत्री विजय बौडाई नें किया। इस अवसर गोष्ठी में चर्चा करते हुए वक्ताओं ने कहा कि राज्य निर्माण को आज 23 वर्ष हो गये हैं, मगर प्रदेश की बदहाली अभी तक पहले जैसी ही हैं। जिस उद्देश्य के लिए राज्य माँगा था, आज वह जस का तस हैं। पहाड़ मूलभुत सुविधाओं के लिए आज भी त्रस्त हैं, बेरोजगारी, पलायन राज्य निर्माण के बाद कई गुना बढ़ा हैं। अभी तक की सरकारें इसके लिए जिम्मेदार हैं। जिस मातृ शक्ति के बदौलत राज्य मिला आज उसी पर अत्याचार हो रहा हैं। जिसका जीता जागता उदाहरण अंकिता भंडारी हत्याकांड हैं।
राज्य का युवा रोजगार के लिए सड़कों पर हैं, दूसरी तरफ सरकारें युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रही हैं। सरकारी नौकरियों के लिए भर्ती घोटालों की बाढ़ उत्तराखंड में आ चुकी हैं। राज्य के संसाधनों पर बाहरी लोगो का कब्जा हो चूका हैं। राज्य सरकार भर्ष्टाचार के आकण्ड में डूबी हैं। इस अवसर पर सुनील ध्यानी, शांति भट्ट, लताफत हुसैन, विजय बौडाई, प्रताप कुंवर, जब्बर सिंह पावेल, उत्तरा पंत बहुगुणा, राजेंद्र बिष्ट, मोहित डिमरी, टिकम राठौर, राजेश्वरी रावत, बृजमोहन सजवाण, केंद्रपाल तोपवाल, वाचस्पति भट्ट, मधु सेमवाल, उषा रमोला, शकुंतला रावत, नैना लखेड़ा, रमा चौहान, पूजा गुलाटी, सरस्वती बडोला, गुड्डी, भोला चमोली, प्रवीण रमोला आदि उपस्थित थे।