देहरादून 16 नवम्बर। उत्तराखण्ड राज्य में ध्वस्त हो चुकी कानून व्यवस्था एवं महिलाओं पर बढते अत्याचार, डकैती, हत्या की घटनाओं के विरोध में 17 नवम्बर को उत्तराखण्ड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष श्री करन माहरा के निर्देश पर राज्यभर में आन्दोलन चलाया जायेगा तथा सभी जिला एवं महानगर मुख्यालयों में भाजपा सरकार का पुतला दहन किया जायेगा।
उपरोक्त जानकारी देेते हुए प्रदेश कांग्रेस उपाध्यक्ष संगठन एवं प्रशासन मथुरादत्त जोशी ने कहा कि भाजपा शासन में उत्तराखण्ड राज्य की कानून व्यवस्था को पूरी तरह से ध्वस्त हो चुकी है तथा अपराधियों के हौसले बुलंद हैं। उन्होंने कहा कि अंकिता भण्डारी हत्याकांड जैसे घृणित अपराध का अभी तक खुलासा भी नहीं हो पाया था कि प्रदेश की राजधानी देहरादून में देश के प्रथम नागरिक महामहिम राष्ट्रपति की माजूदगी के दौरान दिन दहाडे ज्वैलरी शोरूम में करोड़ों रूपये की डकैती ने साबित कर दिया है कि राज्य में जंगल राज कायम हो चुका है। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार इस सवेदनशील मौके पर दिन दहाडे डकैती की घटना घटित हुई उससे राज्य की कानून व्यवस्था की पोल खुल गई है तथा राज्य पुलिस की कार्यप्रणाली पर प्रश्नचिन्ह खड़ा हो गया है।
श्री मथुरादत्त जोशी ने पुलिस महानिदेशक को तत्काल पद से हटाने की मांग करते हुए कहा कि राजधानी देहरादून के ज्वैलरी शोरूम में दिन दहाडे करोड़ों रूपये की डकैती के एक सप्ताह बाद भी राज्य पुलिस डकैतों का पता लगाने में पूरी तरह नाकाम है। उन्होंने कहा कि ज्वैलरी शोरूम में हथियारों की नोक पर जिस प्रकार लूटपाट की गई उसने राज्य में भाजपा के जंगलराज की पोल खोल कर रख दी है। उन्होंने कहा कि जब देश की प्रथम नागरिक महामहिम राष्ट्रपति की राजधानी देहरादून में राज्य स्थापना दिवस के कार्यक्रम में उपस्थित के दौरान हथियारों की नोक पर डकैती हुई तथा पुलिस द्वारा सुरक्षा व्यवस्था में लापरवाही बरती गई उसकी उच्च स्तरीय जांच होनी नितांत आवश्यक है। प्रदेश कांग्रेस उपाध्यक्ष ने यह भी कहा कि पुष्कर सिंह धामी के विगत तीन वर्ष के कार्यकाल में राज्य में विकास का तो एक भी काम नहीं हुआ अपितु बलात्कार, हत्या, लूट एवं डकैती की घटनाओं की बाढ़ आ गई है तथा राजधानी देहरादून अपराधियों की शरण स्थली बन गया है। उन्होंने कहा कि पुष्कर सिंह धामी सरकार के विगत दो वर्ष के कार्यकाल में अंकिता भंडारी हत्याकांड, हेमा नेगी हत्याकाण्ड, पिंकी हत्याकाण्ड, जगदीश चन्द हत्याकाण्ड, विजय वात्सल्य हत्याकाण्ड, केदार भण्डारी हत्याकाण्ड जैसे जघन्य अपराधों का कलंक इस देवभूमि के मस्तक पर लगा है। अंकिता भण्डारी हत्याकाण्ड में वीआईपी के नाम का खुलासा करने में भी पुलिस अभी तक नाकाम रही है इससे साबित हो चुका है कि राज्य की पुलिस द्वारा अपराध और अपराधियों को संरक्षण दिया जा रहा है।