देहरादून, 18 नवंबर। मुख्यमंत्री उत्तराखण्ड सरकार द्वारा राज्य में राजस्व संवर्धन बढाये जाने के निर्देशों के क्रम में जनपद में सवंर्घन बढाये जाने हेतु अपर जिलाधिकारी वित्त एंव राजस्व रामजीशरण शर्मा ने जनपद मेें राजस्व संवर्धन बढाये जाने के लिए अपने कार्यालय कक्ष से वर्चुअल माध्यम से सम्बन्धित विभागों के अधिकारियों के साथ बैठक करते हुए विभागीय अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।
अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व ने वर्चुअल बैठक में सम्बन्धित अधिकारियों को निर्देश दिए कि अपने विभागों में खाली भूमि पर व्यवासायिक गतिविधियों की संभावनाओं के मध्यनजर खाली स्थानों पर पार्किगं, ईको टूरिज्म एवं अन्य व्यवसायिक गतिविधियां की संभावना पर ध्यान दिया जाए, जिससे विभागों के राजस्व में संवर्धन किया जा सके। उन्होंने वन विभाग को मसूरी क्षेत्र में ट्रेकिंग रूट चिन्हिकरण करने तथा अन्य विभागों को भी अपने स्तर पर राजस्व संवर्धन की संभावनाओं पर बल दिया।
अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व ने बताया कि जिला प्रशासन द्वारा राजस्व बढाये जाने के सम्बन्ध में शासन को महत्वपूर्ण सुझाव दिए गए हैै, जिनमें- नगर निगम/नगर निकाय की अनुबन्धित कम्पनियों से कई स्थानों पर यूजर्स चार्ज प्राप्त न होेने की शिकायत आती है इस समस्या से निस्तारण हेतु नगर निगम एवं नगर निकाय द्वारा अनुबन्धित कम्पनियों के कूड़ा उठान वाहनों पर क्यूआर कोड लगाये जाए तथा यूजर्स चार्जेज को आनलाईन लिंक या जाए, जिससे इस समस्या का काफी हद तक समाधान हो जाएगा। विभागों से ठेकेदार द्वारा पार्किंग शुल्कम प्राप्त न होने की शिकायते आती हैं इसके लिए पार्किंग शुल्क यूपीआई से सीधे विभाग के खाते में डाली जाए, विभाग द्वारा निर्धारित धनराशि विभाग के खाते में तथा अन्य धनराशि सम्बन्धित ठेकेदार को दी जाए ताकि इससे राजस्व संवर्धन की जानकारी प्राप्त हो सके। राज्य में महिलाओं प्रथम दोबार भूमि क्रय करने पर स्टाम्प शुल्क में छूट का प्रावधान है, किन्तु बेनामे के समय छूट ली गई है अथवा नहीं की जानकारी नहीं लग पाती इस समस्या के समाधान हेतु इस प्रकार का सिस्टम बनाया जाए ताकि 02 बार से अधिक छूट लेने के उपरान्त साप्टवेयर पर पता चल सके। नगर निगम, नगर निकाय के लीज रेट भी सक्रिल रेट से जोडी जाएं, जिससे राजस्व संवर्धन में बढोतरी होगी
सरकारी सामग्री जैम पोर्टल पर क्रय की जाती है इसी प्रकार सरकारी निष्प्रोज्य सामग्री आक्शन प्रकिया के लिए पोर्टल पर ई-आक्शन मैकेनिज्म तैयार किया जाए। वर्तमान में भूमिगत जल के दोहन पर कोई शुल्क नही है इसके लिए शुल्क निर्धारित किया जाए।