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आईसीएफटी-यूनेस्को गांधी पदक के लिए शांति, भाईचारे को बढ़ावा देना और संस्कृति का संरक्षण मानदंड : जूरी सदस्य

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नई दिल्ली, 27 नवंबर। 54वें आईएफएफआई में 5 सदस्यीय जूरी ने आईसीएफटी-यूनेस्को गांधी मेडल, 2023 के लिए दुनिया भर से चुनी गई 10 फिल्मों का मूल्यांकन किया गया है। गोवा में हो रहे 54वें भारतीय अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव (आईएफएफआई) के मौके पर आज आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में आईसीएफटी-यूनेस्को के वाइस प्रेसिडेंट सर्ज मिशेल ने इस बात का ऐलान किया। इस वर्ष की चयन प्रक्रिया से जुड़े मापदंडों पर प्रकाश डालते हुए, जूरी सदस्य रिजवान अहमद ने कहा, “आईसीएफटी-यूनेस्को फिल्म को शांति, भाईचारे और संस्कृति के संरक्षण के लिए शिक्षा के माध्यम के रूप में देखता है। इसलिए, निर्णय लेने की प्रक्रिया में इन मापदंडों को ध्यान में रखा गया है।” रिजवान अहमद ने बताया कि पुरस्कार के लिए फिल्म का चयन करते समय एक बड़े और विविधतापूर्ण दर्शकों को ध्यान में रखा जाएगा और यह प्रक्रिया आईएफएफआई के दर्शकों तक ही सीमित नहीं रहेगी। उन्होंने कहा, “फिल्मों का मूल्यांकन और चयन उनकी बहुस्तरीय कहानी को ध्यान में रखकर किया जा रहा है और यह दुनिया भर में विभिन्न संस्कृतियों का प्रतिनिधित्व करती है।” आईएफएफआई के साथ आईसीएफटी के जुड़ाव पर एक सवाल का जवाब देते हुए, जूरी कोऑर्डिनेटर और पीसीआई डायरेक्टर- आईसीएफटी यूथ ब्रांच जुएयुआन हुन ने कहा कि भारत में फिल्म निर्माता, प्रतिभाएं और फिल्म बाजार पर्याप्त मात्रा में हैं। अन्य अंतरराष्ट्रीय फिल्म समारोहों के साथ आईसीएफटी के सहयोग की तुलना में आईसीएफटी-यूनेस्को गांधी पदक की भारत के लिए अद्वितीय प्रासंगिकता से जुड़े एक सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने कहा, “आईसीएफटी-यूनेस्को भारत के साथ एक विशिष्ट संबंध साझा करता है, क्योंकि गांधी के शांति और सद्भाव के मूल्यों का यहां पर ध्यान रखा जाता है।”
आईसीएफटी यूनेस्को के भारतीय प्रतिनिधि मनोज कदम ने कहा कि आईसीएफटी ऊंचे मानकों से युक्त सामाजिक विकास और शांति की संस्कृति को बढ़ावा देने वाले ऑडियो-विजुअल मीडिया को प्रोत्साहन देने के अलावा, पायरेसी के खिलाफ लड़ाई का भी समर्थन करता है। आईसीएफटी पेरिस और यूनेस्को द्वारा स्थापित, आईसीएफटी-यूनेस्को गांधी मेडल आईएफएफआई में एक ऐसी फिल्म को हर साल दिया जाने वाला सम्मान है जो महात्मा गांधी के शांति, अहिंसा, करुणा और सद्भाव के दृष्टिकोण को सर्वोत्तम रूप से प्रतिबिंबित करती है। वर्ष 2015 में अपनी शुरुआत के बाद से, इस पुरस्कार के माध्यम से इन स्थायी मूल्यों को अपनाने वाली फिल्मों को सम्मानित किया गया है।

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