देहरादून, 19 दिसम्बर। उत्तराखंड क्रांति दल की केंद्रीय कार्यकारिणी की बैठक दल के केंद्रीय अध्यक्ष पूरणसिंह कठैत की अध्यक्षता में गौरव होटल स्थित जिला पंचायत हाल में सम्पन्न हुई। बैठक में संरक्षक मण्डल, केंद्रीय पदाधिकारीगण, समस्त प्रकोष्ठ अध्यक्ष, समस्त जिलाध्यक्ष, महानगर अध्यक्ष एवं प्रभारियों नें प्रतिभाग किया। बैठक को सम्बोधित करते हुए केंद्रीय अध्यक्ष श्री कठैत ने कहा कि दल आगामी लोकसभा चुनाओं के साथ आगामी निकाय एवं पंचायत चुनाओं को दमदार तरीके से चुनाव लड़ा जायेगा। उन्होंने कहा कि सभी पदाधिकारियों को चुनाव के लिए तैयार हर दिन रहना होगा। राज्य के जनसरकारों से जुड़े मुद्दों को लेकर सभी को मुखर होना पड़ेगा। एक नई क्रांति राज्य के निर्माण के लिए एक बार पुनः एकजुट होकर जनता को लामबद्ध करने के लिए गांव गांव जाना होगा। दल का अनुशासन सख़्ती से साथ लागू किया जायेगा। इसलिए सभी पदाधिकारीगण अपने-पदों के अनुरूप कार्य करें। केंद्रीय कार्यकारिणी की बैठक को अपने सम्बोधन में कहा कि राज्य के बने इन 23 वर्षो में राज्य में भ्रष्टाचार के आकंठ में डूबा हैं। लेकिन विगत पिछले 4 वर्षो में सरकार द्वारा कूटरचित भ्रष्टाचार उत्तराखंड में हुआ, जिससे सबसे ज्यादा युवाओं के भविष्य के साथ हुआ कि जिसमें भर्ती घोटाला चरम पर रहा हैं। जिसमें नौकरशाह संलिप्त रहे। ये सब चाल चेहरा चरित्र वाली भाजपा के शासन काल पर हुआ। दल सरकार के भ्रष्टाचार को जनता के बीच जाकर युवाओं, महिलाओं के बीच जाकर उजाकर करना होगा। इस अवसर दल के वरिष्ठ नेता, पूर्व अध्यक्ष काशी सिंह ऐरी, सुरेन्द्र कुकरेती, सुनील ध्यानी, पंकज व्यास, सुशील उनियाल, विजय बौडाई, बहादुर रावत, सुनील कोटनाला, श्रीमती प्रमिला रावत, कान्ता रावत, मीनाक्षी घिल्डियाल, अनिल थपलियाल, प्रताप कुंवर, रमेश थलाल, आनंद सिंह असगोला, राजेंद्र बिष्ट, बृजमोहन सजवाण, जवाहर भट्ट, विजयन्त निजवाला, मनोज कंडवाल, भुवन जोशी, जब्बर सिंह पावेल, गिरीश गोस्वामी, जगदीश रौतेला, सतेंद्र भट्ट, रविन्द्र बड़ोनी, प्रांजल नौडियाल, रामपाल, टीकम चौहान,पंकज पैन्यली, मोहित डोभाल, लुशुन तोड़रिया, दिनेश जोशी आदि उपस्थित रहे।
सदन के द्वारा राजनितिक प्रस्ताव पारित किये गये:-
1- स्थायी राजधानी गैरसैण घोषित हो।
2- राज्य में सशक्त भू- कानून अविलम्ब लागू किया जाय।
3- मूल निवास 1950 लागू किया जाय।
4- 21 वीं सदी की शिक्षा मुहैया कराना तथा प्रत्येक ब्लॉक में एक निशुल्क वॉडिंग स्कूल बनाने का संकल्प।
5- स्वास्थ्य नीति में 21 वीं सदी की स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करना।
6-प्रदेश में 72 नये शहरों के निर्माण का संकल्प.
7- 300 यूनिट की बिजली आवासीय प्रयोजन हेतु मुफ्त मुहैया कराना।
8- किसानों को मुफ्त सिंचाई की व्यवस्था प्रदान कराना।
9-बड़े बांधो का विरोध, लेकिन बहते पानी पर बनने वाले छोटे बांधो के पक्षधर।
10- प्रत्येक परिवार के एक सदस्य को रोजगार प्रदान करना।
11- पर्यटन विकास तथा समस्त सीमांत क्षेत्रों को धारचूला से यमनोत्री तक जोड़ने के लिए सडक निर्माण कराना।
12-उत्तराखंड से बाहर से आने वाले वाहन पर ग्रीन टेक्स का प्रावधान।
13-सामूहिक फल पट्टी विकसित करना।
14-चकबंदी लागू करना।
15-सौर ऊर्जा का प्रोत्साहन तथा अतिरिक्त ऊर्जा पैदा करने के उपाय किया जाना।
16- ऊन उद्योग विकसित करना।
17-रिंगाल / बांस को प्रोत्साहन प्रदान करना।
18-राज्य में व्याप्त भ्रष्टाचार पर प्रहार करना तथा अब तक हुए भ्रष्टाचारों की जाँच किया जाना।
19-राज्य में उपलब्ध खनिजो की खोज तथा उसका वैज्ञानिक एवं संतुलित दोहन किया जाना।
20-उत्तराखंड एवं प्रदेश के आस पास के प्रांतो से यात्राकाल में निजी कारों से यात्रा करायी जा रही हैं। जिस कारण प्रदेश को टैक्स का नुकसान हो रहा हैं तथा टेक्सी संचालक जो उत्तराखंड से हैं उनको काम नहीं मिलता. इसलिए सशक्त नियमावली बनाकर बाहरी निजी वाहनों के संचालन पर रोक लगायी जाय।
21- पर्वतीय क्षेत्रों में चिकित्सा एवं व्यवसायिक सस्थानों को स्थापित करना।
22-देवदूतों की दुर्घटना में मृत्यु होने पर 25 लाख का बीमा देना।
23-गैस पूर्ण रूप से मुफ्त ही नहीं अपितु गांवो में घर -घर तक सिलेंडर पहुँचाना ताकि विशुद्द पर्यावरण और जल वृद्धि नदियों में हो सकेगा।
24-पूर्व सैनिकों के लिए विधानसभा की 10% सीटों का प्रावधान रखा जाय।
25-शहीद स्मारक गैरसैण में बनाया जायेगा।
26-बंदरों और सूअरों से प्रदेश से प्रदेश मुक्त किया जायेगा.
27-प्रदेशवासियों को धार्मिक / पारंपरिक स्वतंत्रता प्रदान करना।
28-उक्रांद का एक राजनितिक / सामाजिक संगठन महाकाल सेना का निर्माण करना।
29- प्रति विद्युत बिल पर ऊर्जा निगम द्वारा 100 रूपये सिक्योरिटी चार्ज का दल घोर विरोध करता हैं। सरकार अविलम्ब इस निर्णय को वाफीस ले।
30-ओo पीo एसo लागू करना।
31- सरकारी विभाग में निविदाओं नें शिथिलता करते हुए स्थानीय ठेकेदारों को निविदा देना सुनिश्चित किया जाय।
32-धार्मिक स्थलों के कोरिडोर के नाम पर उत्तराखंड की संस्कृति को ख़त्म किये जाने की कोशिश को नाकाम करना।
33- लैंड बैंक के नाम पर राज्य के स्थानीय निवासियों की भूमि को हड़पने का घोर विरोध किया जायेगा।
34-राज्य में स्थापित समस्त उद्योगों में उत्तराखंड के मूल निवासियों को 80% रोजगार दिया जाना सुनिश्चित किया जाय।
35-मेरा-बूथ मेरा संकल्प के तहत प्रत्येक पदाधिकारी अपने बूथ की जिम्मेदारी लेगा।