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चुनाव बहिष्कार वाली बैठक में नहीं निकला कोई हल

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मुनस्यारी। चीन सीमा से लगे 25 ग्राम पंचायतों के चुनाव बहिष्कार की घोषणा के बाद आज स्थानीय प्रशासन द्वारा गई बैठक में कोई हल नहीं निकल पाया है। बैठक में भारतीय सेना सहित प्रमुख विभाग के जिम्मेदारी मौजूद नहीं रहे। जिसको लेकर पंचायत प्रतिनिधियों ने रोष व्यक्त किया। बैठक में तय किया गया है कि चुनाव से पहले जिलाधिकारी की अध्यक्षता में शीघ्र एक बैठक पिथौरागढ़ में बुलाई जाएगी। इस बैठक में हल निकालने का प्रयास किया जाएगा। जनप्रतिनिधियों ने स्पष्ट कर दिया है, कि वह चुनाव बहिष्कार के फैसले पर अडिग है। उन्होंने कहा कि वे आज से ही जनता के बीच जाकर बहिष्कार को सफल बनाने के अभियान में जुट जाएंगे। तहसीलदार चंद्रप्रकाश आर्य की उपस्थिति में हुई बैठक में वन विभाग तथा उद्यान विभाग के स्थानीय अधिकारी उपस्थित रहे। इन विभागों के साथ ही भारतीय सेना सहित अन्य विभागों के जिला स्तर का एक भी जिम्मेदार अधिकारी बैठक में उपस्थित नहीं रहने के कारण आम सहमति के लिए बुलाई गई बैठक में उपस्थित जनप्रतिनिधियों का गुस्सा और अधिक बढ़ गया है। बैठक में तय किया गया है कि वन विभाग, कुमाऊं मंडल विकास निगम, पर्यटन विभाग, खेल विभाग इस क्षेत्र में बने अपने स्ट्रक्चर की फोटो तथा माप पर एक रिपोर्ट बनाकर तहसीलदार के कार्यालय में जमा करेंगे। वन विभाग तथा उत्तराखंड जल संस्थान पेयजल स्रोतों में फैली गंदगी पर फोटो सहित एक धरातलीय रिपोर्ट तैयार कर तहसीलदार कार्यकाल में शीघ्र जमा करेंगे। बैठक में यह भी तय किया गया कि तहसीलदार द्वारा इस क्षेत्र का भूगर्भीय सर्वेक्षण के लिए जिलाधिकारी को पत्र भेजा जाएगा। जिला पंचायत सदस्य जगत मर्तोलिया ने कहा कि बलाती फॉर्म तथा खलिया टॉप क्षेत्र से भारतीय सेवा को शिफ्ट करने तथा अन्य विभागों के मानव हस्तक्षेप को कम किए जाने की मांग को लेकर बुलाई गई बैठक में कोई नतीजा नहीं निकला है। उन्होंने बताया कि बैठक में यह तय किया गया है कि चुनाव के कारण स्थानीय जनप्रतिनिधि इस बात पर राजी हो गए हैं कि पिथौरागढ़ में जिलाधिकारी की अध्यक्षता में भारतीय सेना सहित अन्य विभागों के जिम्मेदार अधिकारियों की बैठक में बुलाया जाए। बैठक में इन मुद्दों पर संतोषजनक बातचीत किया जाए तभी वह चुनाव बहिष्कार के फैसले को लेंगे।  उन्होंने कहा कि चुनाव बहिष्कार को सफल बनाने के लिए जो अभियान शुरू किया जा रहा है। उसकी अनुमति के लिए जिला निर्वाचन अधिकारी को पत्र भेजा गया था। अभी तक उसका कोई प्रति उत्तर नहीं मिला है। आज ही संदर्भ में पुनः पत्र भेज दिया गया है। उन्होंने कहा कि जिला निर्वाचन अधिकारी द्वारा अनुमति नहीं दिए जाने पर राज्य निर्वाचन अधिकारी देहरादून का दरवाजा खटखटाया जाएगा। उन्होंने कहा कि बलाती फॉर्म तथा खालिया टाप क्षेत्र से भारतीय सेना को शिफ्ट करने तथा इस क्षेत्र में मानव हस्तक्षेप  शून्य करने की मांग का जब तक समाधान नहीं हो जाता है तब तक किसी भी सूरत में चुनाव बहिष्कार का फैसला वापस नहीं लिया जाएगा। बैठक में जोहार क्लब के अध्यक्ष केदार सिंह मर्तोलिया ने कहा की हम भारतीय सेना का दिल से सम्मान करते है, लेकिन उन्हें वाटर पॉइंट में रहने के इजाजत नहीं दे सकते है। व्यापार संघ के अध्यक्ष प्रमोद कुमार द्विवेदी ने कहा कि यह संवेदनशील मुद्दा है। इस पर जिला प्रशासन को तत्काल कदम उठाना चाहिए। क्षेत्र पंचायत सदस्य ईश्वर सिंह कोरंगा ने कहा कि बलाती फॉर्म तथा खलिया टॉप क्षेत्र में लगातार भारी भू- स्खलन हो रहे है, इसलिए क्षेत्र का भूगर्भीय सर्वेक्षण भी किया जाना चाहिए। उत्तराखंड क्रांति दल के नेता लोक बहादुर सिंह जंगपांगी ने कहा कि मुनस्यारी के 25 ग्राम पंचायतें इस क्षेत्र से पानी पीती है। जल का सभी स्रोत इन्हीं इलाकों में है। इसलिए इसे बर्बाद नहीं होने दिया जा सकता है।

बैठक में सरमोली के ग्राम प्रधान नवीन राम, सुरिंग की ग्राम प्रधान ललिता मर्तोलिया, दरकोट की ग्राम प्रधान सावित्री पांगती,धापा की ग्राम प्रधान इन्द्रा रिलकोटिया,क्वीरीजिमिया की  ग्राम प्रधान गजेंद्र सिंह क्वीरीयाल, सेवानिवृत्त पुलिस निरीक्षक नित्यानंद पंत, होटल एसोसिएशन के पूरन चंद पांडे, देवेंद्र सिंह देवा, रघुनाथ सिंह रावत, थानाध्यक्ष ईसी मासीवाल, रेंज अधिकारी विजय भट्ट, एडीओं उद्यान हरकोटिया आदि उपस्थित रहे।

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