Pahaad Connection
Breaking News
Breaking Newsउत्तराखंड

स्वास्थ्य विभाग ने अस्पतालों के लिए जारी की अग्नि सुरक्षा एडवाइजरी

Advertisement

देहरादून, 29  मई। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देशों पर राज्य के स्वास्थ्य विभाग ने गर्मी के महीनों के दौरान अस्पतालों में अग्नि सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए एक व्यापक एडवाइजरी जारी की है। उत्तराखण्ड के स्वास्थ्य सचिव, डॉ. आर. राजेश कुमार द्वारा जारी इस एडवाइजरी में राज्य के सभी सरकारी और निजी स्वास्थ्य सुविधाओं में अग्नि सुरक्षा उपायों को तुरंत और पूरी तरह से लागू करने की मांग की गई है। डॉ. राजेश ने अस्पताल प्रबंधन, स्टाफ और नियामक निकायों की सामूहिक जिम्मेदारी पर जोर देते हुए कहा, “यह आवश्यक है कि हम ऐसी विनाशकारी घटनाओं को रोकने के लिए सक्रिय कदम उठाएं।“

एडवाइजरी में स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय (एमओएच एंड एफडब्ल्यू), नई दिल्ली द्वारा जारी “स्वास्थ्य सुविधाओं में अग्नि सुरक्षा के लिए दिशा-निर्देशों“ का पालन करने के महत्व पर प्रकाश डाला गया है। अस्पतालों को इन दिशानिर्देशों का सख्ती से पालन करना, राज्य अग्निशमन विभाग से वैध अग्नि अनापत्ति प्रमाणपत्र (एनओसी) प्राप्त करना, और नियमित अग्नि सुरक्षा ऑडिट और ऑन-साइट निरीक्षण करने की आवश्यकता है।

Advertisement

एडवाइजरी में उल्लिखित प्रमुख उपाय निम्नलिखित हैंः-

स्थापना और रखरखावः

Advertisement

अस्पतालों को प्रत्येक जरूरी स्थानों पर अग्निशामक, धुआं डिटेक्टर और अग्नि अलार्म स्थापित करने चाहिए, विशेष रूप से नवजात और गहन चिकित्सा इकाइयों में नियमित निरीक्षण के साथ। महत्वपूर्ण क्षेत्रों में स्वचालित स्प्रिंकलर सिस्टम और अन्य अग्नि शमन तंत्र से सुसज्जित होना चाहिए।

आपातकालीन निकास और अग्निशमन विभाग के साथ सहयोगः

Advertisement

स्पष्ट रूप से चिन्हित आपातकालीन निकास अनिवार्य हैं। अस्पतालों को स्थानीय अग्निशमन विभागों और आपातकालीन सेवाओं के साथ जरूरी कार्यसंबंधी संबंध स्थापित करना चाहिए।

ऑक्सीजन सुरक्षाः

Advertisement

ऑक्सीजन सिलेंडरों या पाइप्ड ऑक्सीजन के उचित स्थान और भंडारण के साथ-साथ सख्त धूम्रपान निषेध नीतियां और ऑक्सीजन के पास हीट सोर्स पर नियंत्रण।

भवन कोडः

Advertisement

अग्नि सुरक्षा, विद्युत तारों, और आपातकालीन अवसंरचना सहित भवन सुरक्षा कोड का पालन।

विद्युत ऑडिटः

Advertisement

विशेष रूप से जब नया उपकरण जोड़ा जाता है या स्थानों को आईसीयू में परिवर्तित किया जाता है, तो वार्षिक विद्युत लोड ऑडिट करें।

नियमित निरीक्षणः

Advertisement

प्रमाणित पेशेवरों द्वारा नियमित अग्नि सुरक्षा निरीक्षणों का समयबद्ध तरीके से आयोजन करें और किसी भी कमी को तुरंत दूर करें।

प्रशिक्षणः

Advertisement

सभी अस्पताल कर्मचारियों, जिसमें डॉक्टर, नर्स, प्रशासनिक कर्मी और सुरक्षा कर्मचारी शामिल हैं, को व्यापक अग्नि सुरक्षा प्रशिक्षण प्रदान करें।

रखरखावः

Advertisement

सभी विद्युत उपकरणों, तारों और अन्य संभावित अग्नि खतरों के लिए सख्त रखरखाव कार्यक्रम लागू करें।

संवेदनशील क्षेत्रों के लिए उन्नत उपायः

Advertisement

नवजात और बाल चिकित्सा इकाइयों पर विशेष ध्यान दें, यह सुनिश्चित करते हुए कि इन क्षेत्रों में उन्नत अग्नि सुरक्षा उपाय हैं।

आगंतुक दिशानिर्देशः

Advertisement

आगंतुकों के लिए सख्त दिशानिर्देश स्थापित करें ताकि अग्नि खतरों, जैसे कि ज्वलनशील सामग्री का जोखिम कम हो।

परिचय और प्रोटोकॉलः

Advertisement

अस्पताल कर्मचारियों को अस्पताल के लेआउट और अग्नि सुरक्षा योजनाओं से परिचित कराएं, और अग्नि घटनाओं और निकट-मिस की रिपोर्टिंग के लिए विशिष्ट प्रोटोकॉल विकसित करें।

एडवाइजरी में अस्पताल निर्माण और साज-सज्जा में गैर-दहनशील और अग्नि-प्रतिरोधी सामग्री के उपयोग का भी आह्वान किया गया है, विशेष रूप से मरीजों की देखभाल के क्षेत्रों में।

Advertisement

डॉ. राजेश ने सभी स्वास्थ्य सुविधाओं से इन उपायों को गंभीरता से लेने का आग्रह किया ताकि मरीजों, कर्मचारियों और आगंतुकों के जीवन की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड स्वास्थ्य विभाग राज्य भर के अस्पतालों में उच्चतम अग्नि सुरक्षा मानकों को सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है।

 

Advertisement
Advertisement

Related posts

प्रेजिडेंसी स्कूल ने बालक एवं बालिका वर्ग के मैच जीते

pahaadconnection

तीन साल बाद पार्षद के प्रयास से हुआ समस्या का समाधान

pahaadconnection

गंगा दशहरा स्नान पर्व में उमड़ी श्रृद्धालुओं की भारी भीड़

pahaadconnection

Leave a Comment