देहरादून। डॉक्टर आचार्य सुशांत राज ने जानकारी देते हुये बताया की कार्तिक माह के बेहद शुभ माना जाता है इस मास में कई बड़े-बड़े त्योहार आते हैं। इस महीने के दौरान, कार्तिक पूर्णिमा और देव दीपावली जैसे दिन मनाए जाते हैं और इन्हें महत्वपूर्ण अवधि माना जाता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, कार्तिक माह की देवउठनी एकादशी के मौके पर भगवान विष्णु चार महीने की निद्रा योग से जागते हैं और सृष्टि का पलान करते हैं। इस महीने में सबसे महत्पूर्ण दिन कार्तिक पूर्णिमा का दिन है, जो लोग इस दिन गंगा और यमुना नदियों में स्नान करते हैं। उनको ऐसा करने से 100 अश्वमेघ यज्ञ के बराबर पुण्य मिलेगा। इस दिन को त्रिपुरारी पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है, माना जाता है इस दिन भगवान शिव ने त्रिपुरासुर नामक राक्षस का वध किया था। इतना ही नहीं, विष्णु पुराण के अनुसार, कार्तिक पूर्णिमा के दिन भगवान विष्णु ने मत्स्य रुप में अवतार लिया था। इस दिन भगवान शिव के साथ-साथ श्री विष्णु की पूजा की जाती है। आइए जानते हैं कार्तिक पूर्णिमा कब है?
डॉक्टर आचार्य सुशांत राज ने जानकारी देते हुये बताया की इस साल कार्तिक पूर्णिमा 15 नवंबर को मनाई जाएगी। यह अवधि 15 नवंबर को सुबह 6:31 बजे से शुरू होगी और 16 नवंबर को सुबह 3:02 बजे तक रहेगी।
डॉक्टर आचार्य सुशांत राज ने जानकारी देते हुये बताया की पूजा या दान करने का समय सुबह 8:46 बजे से 10:26 बजे तक है, जबकि स्नान का मुहूर्त सुबह 6:28 बजे से 7:19 बजे तक है।
डॉक्टर आचार्य सुशांत राज के अनुसार, इस साल कार्तिक पूर्णिमा के दिन गजकेसरी राजयोग बन रहा है। इसके बाद शश राजयोग बनेगा। इस दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की विधिवत रुप से पूजा करनी चाहिए और भोग लगाना चाहिए। धार्मिक मान्यता के अनुसार, इस दिन देवी-देवता पृथ्वी पर आते हैं और उनके स्वागत के लिए भक्त अपने घरों के आसपास दीये जलाते हैं।
15 नवंबर को मनाई जाएगी कार्तिक पूर्णिमा
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