कुशीनगर15 मिनट पहले
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उप जिलाधिकारी ने कार्रवाई का आश्वासन दिया है।
जिले के फाजिलनगर ब्लॉक के कोईलसवा में गरीबों और पात्रों की जगह अपात्रों के नाम से राशन कार्ड बनाने का मामला सामने आया है। इसमें कोटेदार और महिला प्रधान के ससुर पर सचिव से मिलीभगत कर जॉब कार्ड बनवाने और सरकारी धन के गबन करने का आरोप है।
इतना ही नहीं, प्रधान और कोटेदार दोनों लोगों के पास पात्र गृहस्थी का कार्ड भी है। जो कि सरकारी मानकों के अनुरूप नहीं है। इस अनियमितता पर कार्रवाई के लिए विधायक ने पत्र भी लिखा, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई।
मनरेगा मजदूरी के पासे भी निकाले गएजानकारी के अनुसार, फाजिलनगर ब्लॉक के कोइलसवा गांव के कोटेदार झल्लर प्रसाद और तत्कालीन महिला प्रधान कांति यादव ने अपने प्रभाव का दुरुपयोग किया है। कोटेदार झल्लर और प्रधान के ससुर अमीतचंद के नाम जॉब कार्ड बनवाया गया। साथ ही अलग अलग दिनों में काम दिखाकर मनरेगा मजदूरी भी निकाल लिया गया। मनरेगा मजदूरी में इस फर्जीवाड़े के बाद सचिव की मिलीभगत की बात भी कही जा रही है।

ग्रामीण ने कहा कि कई बार शिकायत की गई, लेकिन सुनवाई नहीं होती थी।
शिकायत के बाद भी नहीं हुई थी सुनवाईइतना ही नहीं, दोनों के पास पात्र गृहस्थी कार्ड भी पाए गए, जिसका लाभ भी वे लोग लेते हैं। शिकायतकर्ता रामवृक्ष ने बताया कि उन्होंने एसडीएम को पत्र सौंपकर कार्रवाई की मांग की थी, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई। इसके बाद शिकायतकर्ता ने विधायक को इस प्रकरण से अवगत कराया।
विधायक ने भी दो अलग-अलग दिनों में कार्रवाई के लिए एसडीएम को पत्र भेजा। हालांकि विधायक के पत्रों को अधिकारियों ने सज्ञान नहीं लिया। ऐसे में अधिकारियों के उदासीन रवैए के चलते लोग परेशान हैं। इस फर्जीवाड़े पर कसया तहसील के उप जिलाधिकारी गोपाल शर्मा ने बताया कि अब तक यह मामला उनके संज्ञान में नहीं था। अब मामले की जानकारी हुई है। जांच के बाद उचित कार्रवाई की जाएगी।
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