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उत्तराखंड

‘सगन्ध कृषक सम्मान एवं सगन्ध पौधों का वितरण’’ कार्यक्रम का आयोजन

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देहरादून।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के जन्मदिवस को सेवा सप्ताह के रूप में मनाते हुए ‘‘सगन्ध कृषक सम्मान एवं सगन्ध पौधों का वितरण’’ कार्यक्रम का आयोजन देहरादून के न्यू कैंट रोड़ स्थित मंत्री कैम्प कार्यालय में किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी एवं अध्यक्षता कृषि मंत्री गणेश जोशी द्वारा की गई। कार्यक्रम के आरम्भ में मुख्यमंत्री द्वारा जनपद चमोली के आत्माराम एवं नरेन्द्र सिंह, रूद्रप्रयाग के रमेश प्रसाद एवं श्रीधर सेमवाल, नैनीताल के माधों सिंह एवं धर्मसिंह, चम्पावत के त्रिलोकमणी एवं नरेन्द्र सिंह, अल्मोड़ा से प्रभाकर सिंह एवं मनोज गिरि, टिहरी के राजेश चौहान एवं अजय पंवार, पौड़ी के दीपक सिंह एवं विक्रम सिहं, हरिद्वार के फरमूद खां और योगन्द्र सिंह, देहरादून के मायाराम एवं जीत सिंह, उत्तरकाशी के अनिल सिंह सहित कुल 40 कृषकों को उत्तराखण्ड सगन्ध कृषक सम्मान पत्र प्रदान कर सम्मानित किया गया। इस दौरान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने विकासखण्ड रायपुर के सरखेत निवासी कमल सिंह एवं विकासखण्ड सहसपुर के बिष्टगांव निवासी युद्धवीर सिंह नेगी को लैमनग्रास, तेजपात, तुलसी के पौंधे वितरित किये एवं इसके अतिरिक्त ऐसे ही 5000 पौधों का वितरण किया गया।

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मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अपने सम्बोधन में किया कि सगन्ध कृषि के क्षेत्र में हो रहे कार्यों की प्रशंसा की गई। उन्होने इस क्षेत्र में व्यापक सम्भवनाओं पर भी प्रकाश डालते हुए बताया कि आज के युग में एक छोटा सा किसान भी वैज्ञानिक तरीकों से खेती कर अपनी आय को दोगुना कर सकता है। इसमें सगन्ध फसलों की महत्वपूर्ण भूमिका हो सकती है। मुख्यमंत्री ने सम्मानित किसानों से यह अनुरोध किया कि आने वाले समय में आपके सम्पर्क में आने वाला प्रत्येक किसान भी सम्मानित होना चाहिए। कृषि मंत्री द्वारा सगन्ध फसलों के क्षेत्र मे हो रहे अनुसंधानों की बात करते हुए बताया कि पिछले कुछ वर्षों से पारम्परिक खेती कई कारणों, जिनमें जंगली जानवरों द्वारा फसलों को नुकसान पहुंचाना, वर्षा आधारित खेती, सिंचाई की कमी, कृषि उत्पादों के ढुलान पर अधिक व्यय, कृषकों के निवास से खेतों की दूरी, प्रसंस्करण सुविधाओं का अभाव इत्यादि के फलस्वरूप ग्रामीण लोग बेहतर आजीविका तथा रोजगार की तलाश में कृषि को त्याग कर शहरी क्षेत्रों की तरफ पलायन कर रहे हैं।

उत्तराखण्ड की इन ज्वलंत समस्याओं को देखते हुए सगन्ध पौधा केन्द्र (कैप) सेलाकुई के प्रयासों से जहाँ एक ओर काश्तकार खेती के माध्यम से बेहतर आय प्राप्त कर रहे हैं। कैप द्वारा वर्तमान समय तक राज्य में 7652 है0 भूमि पर 21000 काश्तकारों द्वारा 109 कलस्टरों में संगध कृषि की जा रही है। सगंध फसलों के प्रसंस्करण हेतु 187 आसवन संयत्रों की स्थापना की गयी है। राज्य में संगध पौध के माध्यम से 85 करोड़ रुपये का टर्नओवर अर्जित किया जा रहा है। छोटे किसानों को पांच नाली हेतु निःशुल्क पौध सामग्री, सगन्ध प्रजातियों के कृषिकरण पर रू0 1.00 लाख तक का 50 प्रतिशत अनुदान, आसवन संयत्र, सोलर ड्रायर आदि की स्थापना पर रू0 10 लाख तक के व्यय पर पर्वतीय क्षेत्रों में 75 प्रतिशत तथा मैदानी क्षेत्रों में 50 प्रतिशत अनुदान दिया जा रहा है।

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इस कार्यक्रम में भाजपा किसान मोर्चे के प्रदेश अध्यक्ष जोगेन्द्र पुण्डीर, रेशम फेडरेशन के अध्यक्ष अजीत चौधरी, कैलाश पन्त, पूनम नौटियाल, जिला पंचायत उपाध्यक्ष दीपक पुण्डीर, राजीव गुरुंग, सुरेन्द्र राणा सहित केन्द्र के निदेशक डा0 नृपेन्द्र चौहान, वैज्ञानिक सलाहकार डा0 हेमा लोहनी, डा0 सुनील साह, वरिष्ठ वैज्ञानिक आर0के0यादव, डा0 जफर हैदर, डा0 ललित अग्रवाल, नरेन्द्र सिंह, श्री महावीर, श्री सागर, श्री दिलावर सिंह, भूपेन्द्र सिंह, मोहित एवं अशोकरतन द्वारा कार्यक्रम में प्रतिभाग किया गया।

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