अडूसा (वासक) के पौधे भारतवर्ष में सर्वत्र होते हैं। ये पौधे 4,000 फुट की ऊँचाई तक पाए जाते हैं और चार से आठ फुट तक ऊँचे होते हैं। पूर्वी भारत में अधिक तथा अन्य भागों में कुछ कम मिलते हैं। कहीं-कहीं इनसे वन भरे पड़े हैं और कहीं खाद के काम में लाने के लिए इनकी खेती भी होती है।
अडूसा का पौधा कोरोना संक्रमित मरीजों के लिए रामबाण औषधि साबित हो सकता है, क्योंकि यह कफ को पतलाकर कम करने का काम करता है. हालांकि, इसका सेवन करने से पहले आयुर्वेदाचार्य की सलाह ले लें. यह पौधा और भी कई शारीरिक समस्याओं के इलाज में काम आता है
अडूसा के पत्तों को एक स्पून ताज़ा रस को शहद के साथ मिलाकर पीने से खांसी और रक्त स्राव में राहत मिलती है। इसके अलावा इस पौधे के 7-8 पत्तों को पानी में उबाल लें। उसके बाद पानी को छान कर शहद के साथ लें। अडूसा में जीवाणुरोधी और रोगाणुरोधी गुण होते हैं।
और भी फायदे :
सिर दर्द दूर सकता है अडूसा …
आंखों को भी देता है राहत …
मुंह के छालों को करता है दूर …
दांतों और मसूड़ों के दर्द में लाभकारी …
श्वास संबंधित सभी रोगों की रामबाण जड़ी बूटी …
मासिक धर्म में सहायक …
मूत्र दोष की समस्या में लाभकारी …
मांसपेशियों का दर्द भी होता है दूर