नैनीताल :
नैनीताल पालिका कुछ वर्ष पूर्व तक स्वच्छ्ता के लिए भी पहचानी जाती थी। मगर नगर पालिका मैनेजमेंट की कमी के चलते पालिका की स्वच्छता रैंकिंग लगातार गिर रही है। यही कारण है कि मुख्य मार्गों के साथ ही ऊंचाई वाले क्षेत्रों में कूड़े के ढेर लगे होना आम बात हो गई है। पालिका में पर्याप्त संख्या में कर्मचारी तैनात होने के बावजूद धरातल पर बेहतर कार्य नहीं दिखता।
यही हाल रहा तो शहर में पर्यटन कारोबार के प्रभावित होने से भी इनकार नहीं किया जा सकता।बता दें कि शहर की खोज के बाद अंग्रेजों ने नैनीताल को अपनी आरामगाह के रूप में बसाया। शहर में सुनियोजित तरीके से निर्माण कार्य करने के साथ ही साफ सफाई की पर्याप्त व्यवस्था हुआ करती थी। इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि ब्रिटिश काल में नैनीताल पालिका में पर्यावरण मित्रों के 283 पदों का ढांचा स्वीकृत था।लोग बताते हैं कि शहर में साफ सफाई की बेहद बेहतर व्यवस्था हुआ करती थी।
आजादी के बाद 70-80 के दशक तक व्यवस्थाएं सुचारू रूप से चली, मगर धीरे धीरे अब शहर की सफाई व्यवस्था चरमरा ने लगी है। पालिका अधिकारियों और कर्मचारियों का शहर की सफाई व्यवस्था की ओर कोई ध्यान नहीं है। आलम यह है कि शहर के मुख्य मार्गो सार्वजनिक स्थलों समेत ऊंचाई वाले क्षेत्रों में कूड़े के ढेर लगे हो ना आम बात हो गई है।