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उत्तराखंड

दुर्घटना में हेलमेट से ही बचेगी जान, विद्यार्थियों को समझाया एम्स के स्पेशलिस्ट ने

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 देहरादून ।

उत्तराखंड के ऋषिकेश स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के राज्य में जन जागरूकता को निकले ट्रामा रथ के साथ गए चिकित्सकीय विशेषज्ञों (हेल्थ स्पेशलिस्ट) ने विभिन्न स्कूल और कॉलेजों के विद्यार्थियों (स्टूडेंट्स) को आकस्मिक दुर्घटना (एक्सीडेंट) के संबंध में आवश्यक बातें बताई। उन्होंने बताया कि रोड़ एक्सीडेंट में हेलमेट से ही जान बच सकती है।
एम्स ऋषिकेश द्वारा आयोजित ट्रॉमा सप्ताह के तहत ट्रॉमा रथ शनिवार को क्षेत्र के विभिन्न कॉलेज व स्कूलों में पहुंचा। यहां ट्रॉमा विशेषज्ञों ने नुक्कड़ नाटक और जागरुकता कार्यक्रमों के माध्यम से छात्र-छात्राओं को सड़क दुर्घटनाओं के दौरान प्राथमिक उपचार और जीवन को बचाने के तौर-तरीकों का प्रशिक्षण दिया। आज ट्रामा रथ ऋषिकेश के आईडीपीएल स्थित केंद्रीय विद्यालय पहुंचा। जहां एनडीपीए की टीम ने नुक्कड़ नाटक प्रस्तुत कर उपस्थित छात्र-छात्राओं को दुर्घटना के दौरान उपचार की तत्कालिक तकनीक के बारे में विस्तार से समझाया। ट्रॉमा विशेषज्ञों ने बताया कि मार्ग में दुर्घटना होने की स्थिति में हमें सबसे पहले 108 नंबर पर फोन कर घायल व्यक्ति की जान बचाने का प्रयास करना चाहिए। उन्होंने बताया कि दुर्घटना में घायल व्यक्ति को सबसे पहले मौके पर ही प्राथमिक आघात चिकित्सा की जरूरत होती है।

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छात्र-छात्राओं को दिए गए प्रशिक्षण के दौरान बताया गया कि बेहोश व्यक्ति को सबसे पहले गंभीर अवस्था से बाहर लाना होता है। साथ ही रूमाल या कोई कपड़ा बांधकर उसके शरीर से बह रहे रक्त को रोकना बहुत जरूरी है। ताकि अस्पताल पहुंचने तक अत्यधिक रक्तस्राव की वजह से उसकी जान को ज्यादा जोखिम न हो। यह भी बताया गया कि दुर्घटना में शरीर की कोई हड्डी फ्रैक्चर हो जाने की स्थिति में घायल व्यक्ति को किस प्रकार मैनेज किया जाता है। इसके अलावा प्रस्तुत किए गए स्कूल हेल्थ अवेरनेस प्रोग्राम के तहत हेलमेट पहनने के लाभ और इसकी उपयोगिता समझाई गई। सड़क दुर्घटना के दौरान हेलमेट नहीं होने की स्थिति में क्या-क्या नुकसान हो सकता है, इस बारे में भी विद्यार्थियों को बारीकी से जानकारी दी गई।

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ट्रॉमा विशेषज्ञों ने बताया कि दुपहिया सवार व्यक्ति द्वारा पहना गया हेलमेट ही उसका जीवन रक्षक कवच है। सड़क दुर्घटना के दौरान घायल व्यक्ति के साथ की जाने वाली बचाव प्रक्रिया और अन्य मेडिकली सावधानियों को भी प्रशिक्षण में समझाया गया। आघात चिकित्सा के प्रति छात्र-छात्राओं को जागरुक करने और प्रशिक्षित करने के लिए एम्स के ट्रॉमा रथ ने तहसील क्षेत्र के डीएसबी स्कूल गुमानीवाला, एनडीएस स्कूल श्यामपुर और रेडफोर्ट पब्लिक स्कूल टिहरी विस्थापित क्षेत्र निर्मल बाग में भी जन-जागरुकता के कई कार्यक्रम प्रस्तुत किए।

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विभिन्न स्थानों पर हुए कार्यक्रम के दौरान ट्रॉमा रथ के प्रभारी व एम्स के ट्रॉमा सर्जन डॉ. मधुर उनियाल, डॉ. अजय कुमार व डॉ. भास्कर सरकार, ट्रॉमा विभाग के एएनएस महेश देवास्थले, डीएनएस कमलेश बैरवा, शशिकांत समेत नर्सिंग प्रोफेशनल डेवलपमेंट एसोसिएशन (एनडीपीए) के सदस्य मौजूद रहे।

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