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जब मस्तिष्क की किसी भी नस में रक्त का प्रभाव कम हो जाता है या रक्त प्रभाव बंद हो जाता है अथवा कोई नस डैमेज या फैट जाती है तब ऐसी स्थिति में मस्तिष्क में स्ट्रोक उत्पन्न होता है ।
मस्तिष्क की रक्त वाहिका के फटने से खून बहाना प्रारंभ हो जाता है जिसके बाद मस्तिष्क में खून की आपूर्ति होने लगती है रक्त वाहिका के फटने से उसको मैं ऑक्सीजन की कमी हो जाती है जिसकी वजह से मस्तिष्क के ऊतको और कोशिकाओं में हानिकारक प्रभाव पड़ता है और ऐसी स्थिति में किसी मनुष्य की मृत्यु भी हो सकती है।
रोग नियंत्रण केंद्र की एक रिपोर्ट के अनुसार अमेरिका में मनुष्य की मृत्यु का सबसे बड़ा कारण स्ट्रोक है अगर हम भारत की बात करें तो विकलांगता का सबसे बड़ा पांचवा कारण स्ट्रोक है तथा मनुष्य की मृत्यु में चौथा सबसे बड़ा कारण स्ट्रोक है . हालांकि भारत देश में जहां कई लोग इलाज के अभाव में ही मार जाते हैं यहां सही आंकड़े निकल पाना बहुत ही मुश्किल कम है।
स्ट्रोक एक बहुत बड़ी मेडिकल इमरजेंसी है जिसमें जल्द से जल्द इलाज मिलना ही किसी व्यक्ति की जान बचा सकता है तथा स्ट्रोक के चलते मानसिक विकलांगता को दूर किया जा सकता है। बस जरूरत है तो मरीज को जल्द से जल्द एक अच्छे इलाज की।
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