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रुद्रपुर/देहरादून तराई की स्थापना में पंडित शुक्ल के योगदान को भुलाया नहीं जा सकता

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रुद्रपुर/ देहरादून 29 नवम्बर को आजादी का अमृत महोत्सव के उपलक्ष्य में पंडित राम सुमेर शुक्ल स्मृति राजकीय मेडिकल कॉलेज परिसर में आयोजित समारोह में राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) ने बतौर मुख्य अतिथि प्रतिभाग किया।
राज्यपाल ने अपने संबोधन में कहा कि तराई के संस्थापक महान स्वतंत्रता संग्राम सेनानी पंडित राम सुमेर शुक्ल की स्मृति में आयोजित आजादी के अमृत महोत्सव में आप सब के बीच आकर बहुत प्रसन्नता हो रही है। उन्होंने कहा कि देश की आजादी एवं तराई की स्थापना में पंडित शुक्ल के योगदान को भुलाया नहीं जा सकता। राज्यपाल ने महान स्वतंत्रता संग्राम सेनानी पंडित राम सुमेर शुक्ल को भावपूर्ण श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि आजादी का अमृतकाल चल रहा है, ऐसे समय में महापुरुषों को याद करने का ये जो आयोजन किया गया है, यह हमें महापुरुषों से प्रेरणा लेने का अवसर प्रदान करता है। उन्होंने कहा कि महापुरुषों, स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों, समाज एवं देश के उत्थान एवं विकास में योगदान देने वाले व्यक्तियों को याद करने का कोई भी अवसर नहीं छोड़ना चाहिए। उन्होंने कहा कि आजादी की लड़ाई में बड़ी भूमिका निभाने वाले उन सेनानियों का स्मरण करना हम सब का कर्तव्य होना चाहिए। राज्यपाल ने कहा कि हम आजादी का अमृत महोत्सव मना रहे हैं। आने वाले 25 सालों का यह समय वैभवशाली और विकसित भारत का अमृत काल चल रहा है, इस अमृत काल के हमारे हर सपने महान और विशाल हों इस बात के लिए हमको हर स्तर पर कार्य करना है। आज हम स्वतंत्रता संग्राम सेनानी, तराई को बसाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले पंडित राम सुमेर शुक्ल जी को याद कर रहे हैं, जिन्होंने विस्थापन की त्रासदी का दंश झेल रहे लोगों की पीड़ा से उबारने, स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों को बसाने में बड़ा योगदान दिया है, ऐसे महान व्यक्तित्व के जीवन से हमें प्रेरणा लेनी चाहिए.

राज्यपाल ने कहा कि सड़कों, विद्यालयों और मेडिकल कालेजों के नाम रामसुमेर शुक्ल जी नाम पर किये गये हैं, ये उनके प्रति जनता के प्यार को दिखाते हैं। उन्होंने कहा कि तराई का यह क्षेत्र जब आबाद हो रहा था, उस समय यहां का जीवन अत्यंत कठिन था, भयानक जंगल, खतरनाक जानवरों व खतरनाक जीवों से खतरे के बीच यहां के निवासियों ने जो चमत्कार किया है उन सब की मेहनत और लगन को आज भी याद करने की आवश्यकता है। तराई क्षेत्र विकसित रूप ले रहा है, आज पंडित शुक्ल के नाम पर इस मेडिकल कॉलेज की स्थापना करना बहुत ही सराहनीय कार्य है। यहां सिडकुल में उद्योगों की स्थापना, तराई तराई के लहलहाते खेत, पंतनगर कृषि विश्वविद्यालय तथा अब यही पंतनगर में इंटरनेशनल एयरपोर्ट की स्वीकृति व किच्छा में एम्स की स्वीकृति, काशीपुर में आईआईएम की स्थापना करके तराई को उन शहीदों व सेनानियों के सपनों के रूप में विकसित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि भयानक जंगलों में ईश्वर पर भरोसा करके जो संघर्ष, लगन एवं परिश्रम किया है, ईश्वर ने उसका ऐसा परिणाम दिया है कि पूरी दुनिया में यह भूमि उदाहरण है। तराई क्षेत्र की वर्तमान स्थिति पूर्वजों की मेहनत का उदाहरण है। उन्होंने कहा कि परिवार एवं समाज की एकता का जादू सबसे जरूरी है। समाज, राज्य एवं देशहित में क्या-क्या कर सकते हैं, इस पर मंथन करते हुए कार्य करना होगा। उन्होंने कहा कि देश में नई ऊर्जा संचार के साथ ही नई कार्य संस्कृति विकसित हो रही है। उन्होंने कहा कि देश को विकसित राष्ट्र एवं विश्व गुरु बनने से कोई नहीं रोक सकता। राज्यपाल ने तराई में आकर सबसे पहले बसने वाले 25 परिवारों के वंशजों से मिलने की इच्छा जाहिर की। उन्होंने कहा कि जिन विभूतियों को आज सम्मानित किया गया है, उनसे हमें प्रेरणा लेनी चाहिए। इस अवसर पर विभिन्न क्षेत्र में सराहनीय कार्य करने वाले 7 व्यक्तियों कृषक चौधरी सतेन्द्र सिंह, थानाध्यक्ष कमलेश भट्ट, एएनएम श्रीमती दीपा जोशी, नानकमत्ता गुरूद्वारा प्रबन्धन कमेटी अध्यक्ष डॉ.हरबंस सिंह चुघ, उद्योगपति वी.कुमार जिन्दल, खिलाड़ी मनोज सरकार, सर्जन डॉ.अतुल जोशी को स्मृति चिन्ह एवं शॉल ओढ़ाकर सम्मानित किया गया। इस अवसर पर स्वास्थ्य मंत्री डॉ.धनसिंह रावत ने कहा कि रूद्रपुर मेडिकल कॉलेज का नाम पंडित शुक्ल के नाम करना उनके प्रति सच्ची श्रद्धांजलि है। उन्होंने कहा कि मेडिकल कॉलेज में शीघ्र की एमबीबीएस की पढ़ाई शुरू होगी। इस अवसर पर पूर्व विधायक राजेश शुक्ला ने कहा कि रुद्रपुर के विकास में शुक्ला जी की बहुत बड़ी भूमिका है। पं. शुक्ल के प्रति जनता का स्नेह, प्यार और कृतज्ञता भाव दिखाई देता है।

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सड़कों, विद्यालयों और मेडिकल कालेजों के नाम पं. शुक्ल शुक्ला जी के प्रति जनता का स्नेह, प्यार और कृतज्ञता भाव दिखाई देता है। उन्होंने कहा कि शुक्ल जी ने राष्ट्रीय स्तर पर छात्र एवं युवा शक्ति को आजादी के आंदोलन में सक्रिय भूमिका निभाई। उन्होंने आजादी की लड़ाई के दौरान छात्र क्रांति का कुशलतापूर्वक नेतृत्व किया, स्वतंत्रता के बाद शुक्ल जी के कार्यों को देखकर उत्तर प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री पंडित गोविंद बल्लभ पंत में उन्हें नैनीताल जनपद की तराई को बसाने की जिम्मेदारी दी और कॉलोनाइजेशन कार्य का अध्यक्ष बनाया। कार्यक्रम से पहले राज्यपाल ने डीडी चौक स्थिति शुक्ल पार्क पहुंचकर पंडित राम सुमेर शुक्ल की मूर्ति पर माल्यार्पण किया। इस दौरान मेयर रामपाल सिंह, जिलाधिकारी युगल किशोर पन्त, एसएसपी मन्जुनाथ टीसी, मुख्य विकास अधिकारी विशाल मिश्रा, अपर जिलाधिकारी जय भारत सिंह, भाजपा जिलाध्यक्ष कमल जिंदल, गुंजन सुखीजा सहित भारत भूषण चुघ, दिनेश शुक्ला, मनीष शुक्ला आदि उपस्थित थे।

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