उत्तर प्रदेश के राजधानी लखनऊ में आगामी दस फरवरी से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और देश के बड़े उधोगपतियों की उपस्थिति में होने वाले ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट-2023 (जीआईएस) में 13255 कंपनियां 20.96 लाख करोड़ रूपए से अधिक के निवेश का एमओयू करेंगी। इन सभी एमओयू के पूरी तरह से क्रियाशील होने पर 1 करोड़ 81 लाख 44558 युवाओं को रोजगार मिलेगा। इस बात की सम्भावना है की जीआईएस के नौ साझेदार देशों में से चार देशो के मंत्री अपने बड़े कारोबारी प्रतिनिधिमंडल के साथ मुख्य कार्यक्रम में हिस्सा ले सकते हैं।
आगामी 10 से 12 फरवरी तक प्रदेश की राजधानी लखनऊ में होने वाले ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के लिए सरकार द्वारा 17.12 लाख करोड़ रूपए के निवेश का लक्ष्य रखा गया था। लेकिन 16 देशों में हुए रोड शो, देश के विभिन्न राज्यों में हुए रोड शो और उत्तर प्रदेश में हुए निवेश सम्मेलन में हुए एमओयू के कारण अब वास्तविक निवेश कुल 20.96 लाख करोड़ रूपए तक पहुंच गया है। अब तक जो 13,255 एमओयू हुए हैं उनमें से पश्चिमांचल में 45 प्रतिशत, पूर्वांचल में 20 प्रतिशत, मध्यांचल में 13 प्रतिशत और बुंदेलखंड में भी 13 प्रतिशत निवेश के एमओयू पर हस्ताक्षर हुए हैं। औद्योगिक विकास विभाग के अपर मुख्य सचिव अरविंद कुमार ने औद्योगिक विकास मंत्री नंदगोपाल गुप्ता नंदी और मुख्य सचिव दुर्गाशंकर मिश्रा के समक्ष जीआईएस की रिपोर्ट का प्रस्तुतीकरण किया है।
जीआईएस के लिए सबसे ज्यादा निवेश मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर को मिला है अकेले मैन्युफैक्चरिंग फैक्टर को 56 फीसदी निवेश मिला है। इसके अलावा कृषि और कृषि से जुड़े सेक्टर में 15 प्रतिशत, इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलेपमेंट में 8 फीसदी, टेक्सटाइल में 7 फीसदी, पर्यटन में 5 फीसदी, शिक्षा में 3 फीसदी, आईटी एवं इलेक्ट्रॉनिक्स में 3 फीसदी, नवीनीकृत ऊर्जा, हेल्थकेयर, वेयर हाउसिंग एंड लॉजिस्टिक, फार्मास्युटिकल एंड मेडिकल डिवाइस में एक-एक फीसदी निवेश के एमओयू पर हस्ताक्षर हुए हैं।