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1985 में आई थी फिल्म प्यार झुकता नहीं

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मिथुन चक्रवर्ती और पद्मिनी कोल्हापुरे की 1985 में आई फिल्म प्यार झुकता नहीं, उस साल की सबसे बड़ी हिट फिल्म थी। उस साल रिलीज होने वाली यह पहली फिल्म थी और रिलीज होते ही इसने चारों तरफ धमाल मचा दिया। मिथुन-पद्मिनी की जोड़ी रातोंरात हिट हो गई। फिल्म ने सिनेमाघरों में डायमंड जुबली मनाई। यानी फिल्म थियेटर्स में लगभग 75 हफ्तों तक चली। यह न सिर्फ फिल्म हिट हुई बल्कि फिल्म के गाने भी बेहद पसंद किए गए। मिथुन-पद्मिनी के अलावा इसमें डैनी डेन्जोंगपा, असरानी तथा बिंदू की भी महत्वपूर्ण भूमिकाएं थीं. विजय सदाना फिल्म के डायरेक्टर थे. फिल्म पाकिस्तानी फिल्म आईना का रीमेक थी। लेकिन इस ब्लॉकबस्टर की मेकिंग तथा रिलीज में कितनी दिक्कतें आई, यह इसके प्रोड्यूसर के.सी. बोकाड़िया से ज्यादा कोई नहीं जान सकता।

हीरोइन हां, हीरो ना

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सबसे पहली बात तो यह हुई कि जब पद्मिनी कोल्हापुरे ने प्यार झुकता नहीं साइन की थी, उस समय वह आरके बैनर की तीन फिल्मों के लिए साइन हो चुकी थीं। ऋषि कपूर नहीं चाहते थे कि पद्मिनी कोल्हापुरे प्यार झुकता नहीं करें क्योंकि उस समय मिथुन चक्रवर्ती बी ग्रेड स्टार कहलाते थे। यदि पद्मिनी, मिथुन के अपोजिट काम करतीं तो ऐसे में उनके स्टार स्टेटस को तो नुकसान होता ही, आर के बैनर की उनकी फिल्में भी प्रभावित होतीं. ऐसे में ऋषि कपूर ने पद्मिनी के पिताजी से साफ कह दिया कि यदि पद्मिनी ने प्यार झुकता नहीं की तो वह आरके बैनर की फिल्मों से हाथ धो बैठेगी। लेकिन पद्मिनी तथा उनके पिता ने ऋषि कपूर की इन बातों पर ध्यान नहीं दिया और प्यार झुकता नहीं के लिए हामी भर दी। खास बात यह कि निर्माता केसी बोकाड़िया ने पहले यह फिल्म ऋषि कपूर को ही ऑफर की थी। मगर कई बार टालते हुए आखिर में उन्होंने बोकाड़िया से कहा कि आप इसमें मिथुन चक्रवर्ती को क्यों नहीं ले लेते। यह तरह बोकाड़िया मिथुन के पास गए और उन्होंने अपनी एक्शन-डांसर इमेज के बावजूद यह फैमिली ड्रामा फिल्म साइन कर ली।

दो साल किया इंतजार

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फिल्म की शूटिंग पूरी हुई. तय शेड्यूल के अनुसार 1983 में यह बनकर भी तैयार हो गई. लेकिन कोई भी डिस्ट्रिब्यूटर इसको खरीदने के लिए तैयार नहीं था।कारण थे, मिथुन। यहां भी उनकी डांसर और एक्शन हीरो की इमेज आड़े आ रही थी। ऐसे में डिस्ट्रिब्यूटर्स को फिल्म से कोई उम्मीद नजर नहीं आ रही थी। आखिरकार दो साल बाद थक हारकर के.सी. बोकाड़िया ने ही फिल्म को रिलीज करने का मन बनाया। लेकिन जब फिल्म रिलीज हुई तो इस फिल्म ने सबके वारे-न्यारे कर दिए। न सिर्फ मिथुन तथा पद्मिनी हिट जोड़ी के रूप में उभरे, बल्कि इस फिल्म ने के.सी. बोकाड़िया को बड़े प्रोड्यूसर तथा विजय सदाना को बड़े डायरेक्टर के रूप में इंडस्ट्री में स्थापित कर दिया।

 

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