Pahaad Connection
Breaking News
Breaking Newsउत्तराखंडज्योतिष

माता शाकम्भरी देवी का सिद्धपीठ सहारनपुर

Advertisement

देहरादून। महाभारत के ग्यारहवें अध्याय के अनुसार युधिष्ठिर जी शाकम्भर तीर्थ गये जहाँ शाक का आहार करने वाली शाकम्भरी देवी स्वयं विराजमान थी, युधिष्ठिर ने चौदह दिनों तक विभिन्न द्रव्यों से माता शाकम्भरी देवी की स्तुति और आराधना की। आज उसी स्थान पर प्रत्यक्ष  सिद्धिदात्री माता शाकम्भरी देवी विराजमान है। माता शाकम्भरी देवी ने यहीं पर दुर्गमासुर का वध किया था। देवी भागवत् मे इस क्षेत्र को पंचकोसी सिद्धपीठ कहा गया है। स्कंदपुराण मे इसे शाकम्भरी क्षेत्र और परम पीठ कहा गया है। स्कंदपुराण मे संपूर्ण उतराखण्ड की महिमा का वर्णन है, माता शाकम्भरी देवी का मंदिर भी उत्तराखण्ड की सीमा पर बना हुआ है। ऐसा भी उल्लेख है कि हे देवी शाकम्भरी तुम्हारा यह पीठ क्षेत्र दो योजन लंबा और तीन योजन चौड़ा अनेक तीर्थों से युक्त है। वर्तमान मे माता शाकम्भरी क्षेत्र मे जो तीर्थ है वो इस प्रकार है माता छिन्नमस्ता/मनसा देवी, शाकेश्वर महादेव  सहित पांच स्वयंभू महादेव, रक्तदंतिका मंदिर, महाकाली की प्राचीन गुफा, प्रेत शिला, आम्रातक वन, गौतम ऋषि की गुफा, बाण गंगा, वज्र शिला, सहंश्रा ठाकुर धाम भगवान विष्णु जी का विराट रूप, सूर्य कुण्ड, बाबा भुरादेव, माता बगलामुखी, पंचमुखी हनुमान, डाट काली आदि।

Advertisement
Advertisement

Related posts

यमुना कलोनी के जीर्णशीर्ण भवनों की जगह नजर आएंगी मल्टीस्टोरी बिल्डिंग

pahaadconnection

कोतवाली पुलिस ने किया वारंटी को गिरफ्तार

pahaadconnection

कनेक्टिविटी सुचारू किए जाने को लेकर तैयार की जा रही रूपरेखा

pahaadconnection

Leave a Comment