देहरादून, 26 नवम्बर। संविधान दिवस के उपलक्ष्य में कांग्रेस भवन में एक परिचर्चा आयोजित की गई। परिचर्चा में वक्ताओं ने संविधान के निर्माण, उसके महत्व, तथा संवैधानिक मूल्यों के सम्मुख उपस्थित चुनौतियों पर अपने विचार रखे। इस अवसर पर उपस्थित नेताओं और कार्यकर्ताओं ने संविधान निर्माण में बाबासाहब भीमराव अंबेडकर के योगदान को याद करते हुए उनके चित्र पर माल्यार्पण भी किया। वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री हीरा सिंह बिष्ट ने संविधान निर्माण में बाबा साहब अम्बेडकर के अद्वितीय योगदान को याद किया तथा संविधान के आदर्शों पर चलने का आह्वान किया।
महानगर अध्यक्ष डॉ जसविन्दर सिंह गोगी ने कहा कि संविधान देश का सर्वोच्च कानून है जो पूरे देश जो एक सूत्र में पिरोता है। यह सौभाग्य की बात है कि संविधान निर्माण में शामिल अधिकांश महापुरुष कांग्रेस के ही सदस्य थे। डॉ अरुण रतूड़ी ने संविधान निर्माण के समय व्याप्त सामाजिक तथा राजनीतिक परिस्थितियों का विश्लेषण करते हुए कहा कि एक परंपरागत समाज में आधुनिकतम शासन प्रणाली और राजनीतिक व्यवस्था का प्राविधान संविधान के द्वारा किया गया है। इन व्यवस्थाओं में समायोजन अब भी जारी है। इसीलिए कई बार देश में संवैधानिक मूल्यों के समक्ष चुनौतियाँ आती रहती हैं। इसलिए यह देश के राजनीतिक दलों और राजनीतिक नेतृत्व की जिम्मेदारी है कि संवैधानिक मूल्यों की सर्वोच्चता को कायम रखे जिससे देश प्रगतिपथ पर अग्रसर रह सके। कांग्रेस अनु जाति मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष दर्शनलाल ने कहा कि बाबासाहब भीमराव अंबेडकर के कारण ही यह संभव हो सका है कि देश मे सभी को समानता का अधिकार प्राप्त है और समाज के सभी वर्गों के लोग बड़े बड़े राजनीतिक पदों पर पहुंच पाए हैं। इस अवसर पर मुख्य रूप से पूर्व कैबिनेट मंत्री श्री हीरा सिंह बिष्ट, प्रदेश अध्यक्ष अध्यक्ष अनुसूचित जाति विभाग दर्शनलाल, मनमोहन शर्मा, अल्ताफ अहमद, राजेश पुंडीर, यामीन खान, अभिषेक तिवारी, डॉ अरुण रतूडी, वकार अहमद, अर्जुन पासी, सुभाष धीमान, शुभम सैनी, लकी राणा, प्रेम सिंह, मुकेश रेगमी, राजेश उनियाल, एसबी थापा, वीरेंद्र पवार, रवि हसन, दलवीर इकराम, विनय कुमार, मुस्तकीम, फैसल खान, नवीन कुमार, चुन्नीलाल आदि उपस्थित थे।