Pahaad Connection
Breaking Newsउत्तराखंड

पहाड़ों के देवता हैं बाबा बौख नाग

Advertisement

देहरादून। जैसा कि आप सभी जानते हैं कि उत्तरकाशी की सिल्क्यारा सुरंग में 17 दिन से फंसे हुए 41 मजदूरों को सुरक्षित निकाला जा चुका है। इस पूरे बचाव अभियान ने संपूर्ण विश्व में सनातन धर्म में आस्था की एक नई ज्योति जागृति की है। जब से उत्तरकाशी का यह सुरंग हादसा हुआ है, तब से यहां के एक स्थानीय मंदिर बाबा बौखनाग परिसर में लगातार पूजा-अर्चना की जा रही थी। श्रमिकों के बचाव में मदद करने के लिए आए अंतरराष्ट्रीय सुरंग एक्सपर्ट अर्नाल्ड डिक्स ने भी बाबा बौखनाग देवता के मंदिर में पूजा-अर्चना की जो तस्वीरें तमाम सोशल मीडिया पर वायरल हैं। एक वीडियो में मंदिर के पुजारी ने पहले ही बता दिया गया था की तीन दिन बाद सभी सकुशल बाहर आ जाएंगे.. हुआ भी वही। ऐसे में अचानक से सोशल मीडिया पर, टीवी न्यूज चैनल और अखबारों में अचानक से बाबा बौख नाग की बात होने लगी।

पहाड़ों के देवता हैं बाबा बौख नाग

Advertisement

माना जाता है कि बाबा बौख नाग पहाड़ों के देवता हैं। बाबा बौख नाग देवता का मंदिर उत्तराखंड के उत्तरकाशी में स्थित है। हर साल हजारों श्रद्धालु इस मंदिर में दर्शन के लिए आते हैं ।मान्‍यता है कि इस मंदिर तक नंगे पैर आकर दर्शन करने से हर मनोकामना पूरी हो जाती है। विशेष तौर पर यहां नवविवाहित और निसंतान लोग दर्शन के लिए आते हैं। मान्‍यता है कि ऐसा करने से उन्हें संतान की प्राप्ति होती है। यहां पर हर साल एक मेला भी लगता है, जिसमें दूर-दूर से श्रद्धालु आते हैं और बाबा बौख नाग के आगे अपनी अर्जी लगाते हैं।

माना जाता है कि बाबा बौखनाग की यहां बासगी नाग के रूप में उत्पत्ति हुई। भगवान श्रीकृष्ण टिहरी जनपद के सेम-मुखेम से पहले यहां पहुंचे थे। इसी के कारण हर साल सेम मुखेम और दूसरे साल बौखनाग में भव्य मेला आयोजित होता है। बाबा बौख नाग सिल्क्यारा, बरकोट सहित अन्य क्षेत्रों के इष्ट देव भी है।। इनकी पूजा-अर्चना करके इलाके की रक्षक की कामना की जाती है। उत्तरकाशी के भाटिया में बाबा बौख नाग का मंदिर स्थिति है। आसपास के क्षेत्रों में बाबा बौखनाग काफी प्रसिद्ध है। इसी के कारण हर साल  मौके पर यहां पर मेले का आयोजन भी किया जाता है। ऐसा कहा जाता है कि महाभारत के निशान भारत के अतिंम गांव माणा में दिखाई देते हैं। भारत के लोगों में यह बात बेहद प्रचलित है कि पांडवों ने अपनी स्वर्ग यात्रा के दौरान माणा गांव को पार किया था। यह गांव चमोली जिले में स्थित है। साथ ही भगवान शिव का ससुराल भी उत्तराखंड के दक्ष प्रजापति नगर में है।

Advertisement

 

 

Advertisement

 

Advertisement
Advertisement

Related posts

ऐतिहासिक सात दिवसीय गौचर मेले का हुआ भव्य आगाज

pahaadconnection

कैज्युअल्टी मेडिकल ऑफिसर के दो पदों पर भी हुआ चयन

pahaadconnection

कृषि मंत्री ने की विभागीय समीक्षा दिए, आवश्यक दिशा निर्देश

pahaadconnection

Leave a Comment