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परम्परागत मत्स्य पालकों को योजनाओं में दें प्राथमिकता

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सहारनपुर। मंत्री, मत्स्य विभाग डॉक्टर संजय कुमार निषाद की अध्यक्षता एवं जिलाधिकारी मनीष बंसल की उपस्थिति में सर्किट हाऊस सभागार में विभागीय समीक्षा बैठक की गई। बैठक में प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना, मुख्यमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना, मत्स्यपालक कल्याण कोष, निषादराज बोट सब्सिडी योजना, सघन मत्स्य पालन हेतु एरिएशन सिस्टम योजना, किसान क्रेडिट कार्ड योजना, मछुआ दुर्घटना बीमा योजना, ग्राम सभा के तालाबों के पट्टे, विभागीय जलाशयों एवं तालाबों की स्थिति की बिन्दुवार समीक्षा की गयी। डॉक्टर संजय कुमार निषाद ने कहा कि परम्परागत रूप से मछली पालन का कार्य करने वाले मत्स्य पालकों को योजनाओं का लाभ देते हुए बढावा दिया जाए। जिन लाभार्थियों को सब्सिडी दी जा रही है उनके उत्पादन का भी अधिकारियों द्वारा निरंतर निरीक्षण किया जाए। इसका मूल उद्देश्य उत्पादन को बढावा देना है। सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं का वृहद स्तर पर प्रचार-प्रसार किया जाए। ग्रामीण क्षेत्रों में प्रचार-प्रसार के लिए ग्राम सभा में हैण्डबिलों का वितरण एवं योजनाओं संबंधी जानकारी को ग्राम सचिवालयों में चस्पा किया जाए। उन्होने मत्स्य विभाग को सभी विभागों से समन्वय कर मत्स्य पालकों एवं संबंधित उद्यमियों को लाभान्वित किए जाने को कहा। मंत्री, मत्स्य विभाग ने कहा कि योजनाओं में छोटे मत्स्य पालकों को अनुदान देकर प्राथमिकता से बढावा दिया जाए। शासनादेश के अनुसार कार्य नहीं करने एवं बिना लाईसेंस वालों को बढावा देने पर संबंधित पर गहरी नाराजगी व्यक्त की। उन्होने कहा कि किसी भी स्थिति में कोई भी पात्र योजना के लाभ से वंचित न रहे। राजस्व संहिता 2016 एवं समय-समय पर जारी किए जाने वाले शासनादेशों को बैठक कर जिलाधिकारी को भी अवगत कराया जाए। मंत्री ने जनपद में कार्यरत स्टाफ की जानकारी ली तथा इसकी व्यवस्था करवाने के लिए आश्वासन दिया। उन्होने किसान क्रेडिट कार्ड के संबंध में विभाग को एलडीएम से समन्वय कर ऑनलाईन फार्म भरवाने के निर्देश दिए। विभाग के अधिकारियों को जनप्रतिनिधियों के अनुभवों का लाभ उठाने को कहा। उन्होने कहा कि सरकार द्वारा मत्स्य पालन के क्षेत्र में तकनीक का उपयोग करते हुए उत्पादन बढाने के दृष्टिगत कौशल विकास एवं प्रशिक्षण की व्यवस्था की जा रही है ताकि अधिक से अधिक रोजगारों का सृजन हो सके। मत्स्यपालकों के कौशल विकास एवं प्रशिक्षण के लिए अन्य प्रदेशों में भेजे जाने के निर्देश दिए। उप निदेशक मत्स्य को कैम्प लगाकर पात्रों का बीमा करवाए जाने, केसीसी के बारे में जानकारी देने के साथ ही 15 दिन के अंदर वितरित करने के निर्देश दिए। उप निदेशक मत्स्य को विकसित, अर्द्धविकसित एवं अविकसित तालाबों की सूचना यथाशीघ्र उपलब्ध करवाने के निर्देश दिए। डॉक्टर संजय कुमार निषाद ने कहा कि मत्स्य पालक कल्याण कोष के तहत कार्यदायी संस्था द्वारा सोलर स्ट्रीट लाईट एवं हाई मास्क लाईट के लिए विभाग से सूची लेकर कार्य को किया जाना सुनिश्चित किया जाए। उन्होने कृषि विभाग को पीएम कुसुम योजना से मत्स्य पालकों को जोडने, सिंचाई विभाग को पोखरों में पानी की उपलब्धता सुनिश्चित कराने, जनपद में प्रतिबंधित थाई मांगुर मछली को रोकने के लिए पुलिस विभाग को निर्देशित किया एवं खाद्य सुरक्षा विभाग को दुकानों में इसके विक्रय पर पूर्णतः रोक लगाने को कहा। उन्होने कहा कि इस मछली को खाने से कैंसर जैसी घातक बीमारियां होती है। जहां पर मत्स्य उत्पादन को बढावा देने के लिए प्रोजेक्ट लगाए गये है वहां पर विद्युत की उपलब्धता सुनिश्चित कराने के निर्देश विद्युत विभाग को दिए। मुख्य चिकित्साधिकारी को मत्स्यपालकों को शासन के आदेशों के अनुसार चिकित्सा सहायता उपलब्ध करवाने के निर्देश दिए।

जिलाधिकारी मनीष बंसल ने मंत्री द्वारा दिए गये निर्देशों का अक्षरशः अनुपालन सुनिश्चित कराने का आश्वासन दिया। उन्होने संबंधित अधिकारियों को संवेदनशीलता के साथ कार्य करने को कहा। इस अवसर पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर प्रवीण कुमार, पीडी डीआरडीए श्री प्रणय कृष्ण, एसपी यातायात श्री सिद्धार्थ वर्मा, उप निदेशक मत्स्य सहित संबंधित अधिकारीगण उपस्थित रहे।

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