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राजभवन में मनाया गया ‘राष्ट्रीय बालिका दिवस’ और ‘उत्तर प्रदेश स्थापना दिवस’

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देहरादून 24 जनवरी। राजभवन में ‘राष्ट्रीय बालिका दिवस’ के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) ने बतौर मुख्य अतिथि प्रतिभाग किया। इस अवसर पर राज्यपाल ने हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की परीक्षाओं में सर्वोच्च अंक प्राप्त करने वाली बालिकाओं को सम्मानित किया। 2024 में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाली छात्राओं में हाईस्कूल की प्रियांशी रावत और इंटरमीडिएट में कला संकाय से कुमारी साक्षी, विज्ञान संकाय से कंचन जोशी और वाणिज्य संकाय से तमन्ना पंवार को 50-50 हजार रुपये की पुरस्कार राशि प्रदान की गई। इस अवसर पर श्री गुरु राम राय इण्टर कॉलेज सहसपुर की बालिकाओं ने ‘बेटी-बचाओ बेटी पढ़ाओ’ पर आधारित नाटक का मंचन किया। हिमज्योति की छात्राओं ने रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए। ‘राष्ट्रीय बालिका दिवस’ के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में राज्यपाल ने कहा कि आने वाले समय में बदलाव की क्रांति का नेतृत्व हमारी महिलाओं एवं बेटियों द्वारा किया जायेगा। वे हर क्षेत्र में नेतृत्व के लिए तैयार हैं। उन्होंने कहा कि बालिकाएं आज निरंतर हर क्षेत्र में अग्रणी भूमिकाएं निभा रही हैं। आज प्रदेश में स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से महिलाएं अपने परिश्रम से प्रदेश की आर्थिकी में योगदान दे रही हैं। उन्होंने बालिकाओं से टेक्नोलॉजी को अपनाने का आग्रह किया। राज्यपाल ने कहा कि प्रदेश में किसी विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में डिग्री या अवॉर्ड दिए जाते हैं जिसमें लड़कों की तुलना में बेटियों की संख्या अधिक होती है जो एक सुखद बदलाव है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय बालिका दिवस हमारी प्रतिबद्धता को दोहराने और बालिकाओं को सशक्त बनाने के लिए चल रहे प्रयासों को और मजबूत करने का एक अवसर है। राज्यपाल ने कहा कि आज के दिन का उद्देश्य बालिकाओं के अधिकारों के बारे में जागरूकता को बढ़ावा देना और बालिका शिक्षा, उनके स्वास्थ्य और पोषण के बारे में जागरूकता बढ़ाना है। इस अवसर पर उत्तर प्रदेश राज्य का स्थापना दिवस भी आयोजित हुआ। राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) ने कहा कि उत्तर प्रदेश अपनी विशिष्टताओं और योगदानों के कारण भारत का एक विशेष राज्य है। यह देश का सबसे अधिक आबादी वाला और सर्वाधिक जिलों वाला राज्य है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश अपनी समृद्ध और विविध स्थलाकृति, जीवंत संस्कृति, त्योहारों, स्मारकों, प्राचीन धार्मिक स्थलों और विहारों के कारण पर्यटकों के लिए अत्यधिक आकर्षण का केंद्र है। राज्यपाल ने हिन्दी साहित्य और कला के क्षेत्र में उत्तर प्रदेश के योगदान की सराहना करते हुए कहा कि हिन्दी साहित्य के विकास में यह राज्य सबसे महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। साहित्य और कला के क्षेत्र में उत्तर प्रदेश अग्रणी रहा है और इसके अद्वितीय योगदान ने पूरे देश की सांस्कृतिक धरोहर को समृद्ध किया है। राज्यपाल ने ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ की संकल्पना की प्रशंसा करते हुए कहा कि यह पहल हमारी सदियों पुरानी एकता की शक्ति को बल देती है। यह हमारी विविधता में एकता और सामूहिक ताकत का परिचायक है। उन्होंने ऐसे आयोजनों को हमारी सांस्कृतिक समृद्धि और राष्ट्रीय एकता को बढ़ावा देने वाला एक सशक्त माध्यम बताया। इस कार्यक्रम में प्रथम महिला श्रीमती गुरमीत कौर, डीजीपी दीपम सेठ, सचिव विनोद कुमार सुमन, विधि परामर्शी श्री राज्यपाल अमित कुमार सिरोही, अपर सचिव स्वाति एस. भदौरिया, अपर सचिव रंजना राजगुरु सहित अन्य उत्तराखण्ड में कार्यरत उत्तर प्रदेश के अधिकारी उपस्थित रहे।

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