देहरादून। भाजपा प्रदेश कार्यसमिति सदस्य सचिन गुप्ता ने कहा की 14 अगस्त 1947 देश के बँटवारे के दर्द को कभी भुलाया नही जा सकता। नफरत और हिंसा की वजह से हमारे लाखों बहनों-भाइयों को विस्थापित होना पड़ा और अपनी जान तक गंवानी पड़ी। आज 14 अगस्त “विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस” के अवसर पर विभाजन की विभीषिका में अपने प्राण गंवाने वाले तथा विस्थापन का दंश झेलने वाले लाखों भारतवासियों के संघर्ष व बलिदान को शत्-शत् नमन।
सचिन गुप्ता ने कहा की 14 अगस्त 1947 भारत विभाजन की वह विभीषिका का कालखण्ड अत्यंत दारुण और अविस्मरणीय है, जिसमें असंख्य निर्दोष लोगों की जीवन लीला समाप्त कर दी गयी और असंख्य लोगों के घर, विरासत, परम्पराएं, अधिकार और प्राण प्रिय परिवार छूटे। विभाजन के दौरान, भारत के प्रति घृणा और द्वेष का भाव रखने वाले सांप्रदायिक मानसिकता के लोगों, आतताइयों, असमाजिक तत्वों द्वारा भीषण अत्याचार और अमानवीय व्यवहार किये गए। यह दिवस, अभूतपूर्व मानव विस्थापन और पलायन की दर्दनाक स्मृति में चिर विरह की मर्मान्तक वेदनाओं की गाथा से भरा दिवस है।
‘विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस’ पर, अपनी माटी अपने देश से जुड़े रहने के लिए अपना सर्वस्व न्योछावर करने वाले तथा विभाजन में विस्थापित हुए प्रत्येक भारतीय भाई बहनों को श्रद्धापूर्वक नमन।
14 अगस्त की तारीख आंसुओं से लिखी गई है। यही वह दिन था जब देश का विभाजन हुआ और 14 अगस्त 1947 को पाकिस्तान तथा 15 अगस्त 1947 को भारत को एक पृथक राष्ट्र घोषित कर दिया गया! कहने को तो यह एक देश का बंटवारा था, लेकिन दरअसल यह दिलों का, परिवारों का, रिश्तों का और भावनाओं का बंटवारा था। भारत मां के सीने पर बंटवारे का यह जख्म आने वाली सदियों तक रिसता रहेगा। देश दुनिया के इतिहास में 14 अगस्त की तारीख पर दर्ज जो होगा वो दर्द की कहानी ही कहलाएंगी…जिन लोगों ने बंटवारे का दर्द सहा है वो आज तक इसे नहीं भूल पाए हैं। सिर्फ एक फैसले की वजह से लाखों लोगों को अपना घर-बार छोड़ना पड़ा, अपनी जमीन जायदाद छोड़कर चले जाना पड़ा। लाखों लोग मकान-दुकान और संपत्ति से रातोंरात बेदखल होकर सड़क पर आ गए। भारत पाकिस्तान बंटवारे की त्रासदी सदियों तक याद रखी जाएगी। ये बीसवीं सदी की सबसे बड़ी त्रासदियों में से एक रही!