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ट्यूबल ब्लॉकेज ठीक करने के लिए कौन से योगासन करें

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बंद हुई ट्यूब और उससे जुड़े लक्षण सिर्फ दर्दनाक ही नहीं पर एक महिला के लिए तनाव से भरे भी होते है। भारत में 27.5 करोड़ कपल इनफर्टिलिटी की समस्या से जुझ रहे है जिसमे से 30 प्रतिशत महिलाएं ट्यूबल ब्लॉकेज की समस्या से शिकार हैं। हमारी गलत जीवनशैली और अनियमित हर्मोंन के साथ बढ़ते वजन के कारण महिलाओं के फैलोपियन ट्यूब में ब्लॉकेज की समस्या होती है।

भारत में इनफर्टिलिटी का मुख्य कारण ट्यूबल ब्लॉकेज है जिसके 40 प्रतिशत मामले सामने आते है। फैलोपियन ट्यूब एक महिला रिप्रोडक्टिव ऑर्गन का हिस्सा होता है, जो दो ट्यूब विकसित अंडे को अंडाशय से यूटरस तक पहुंचाता है। पीरियड्स आने से पहले ओवुलेशन होता है जो अंडाशय से अंडे को बहार निकालता है। जोकि एक अंडे को यूटरस तक ले जाती है। ट्यूब बंद होने के कारण अंडे यूटरस तक नहीं पहुंच पाते, जिससे निषेचन की प्रकिया पूरी नहीं हो पाती और गर्भधारण नहीं हो पाता है।

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फैलोपियन ट्यूब में रुकावाट के लक्षण में आमतौर पर फैलोपियन ट्यूब में रुकावात का पहला लक्षण गर्भधारण की समस्या है। और कुछ मामलों में फैलोपियन ट्यूब में रुकावाट होने से पेल्विस एरिया और पेट में दर्द होता है। ऐसी महिलाएं जो ट्यूबल ब्लॉकेज के कारण इनफर्टिलिटी का सामना कर रही है उनके लिए आयूर्वेदिक में इसका इलाज मुमकिन है।
तो जनिए कैसे योगासान के जरिए आपको स्वभाविक रुप से गर्भधारण करने में मदद करता है।

– पहला भुजंगासन है जो पीसीओडी और ट्यूबल ब्लॉकेज में काफी फायदेमंद होता है। बारी बारी अभ्यास करके प्रजनन प्रणाली को मजबूत करता है। पीरियड्स की अनियमिता को भी दूर करता है।
– दूसरा कपालभाति आसन है जो आपके चयापचय को बढ़ाता है और आपके वजन को कम करने में मदद करता है। साथ ही कपालभाति करने से फैलोपियन ट्यूबल ब्लॉकेज के साथ-साथ ओवेरियन सिस्ट की समस्या, गर्भाशय फाइब्रॉएड की समस्या, पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम की समस्या जैसी कई समस्याओं को ठीक करने में मदद मिलती है।
– तीसरा नियमित रुप से अलोम विलोम प्राणायाम करना जरुरी है, जिससे शरीर के सभी हिस्सों मेे ऑक्सिजन की भरपूर मात्रा रहती है। इसके नियमित अभ्यास से शरीर में किसी भी प्रकार की ब्लॉकेज को खोला जाता है। अनुलोम विलोम हार्ट ब्लॉकेज और फैलोपियन ट्यूब ब्लॉकेज दोनों में ही कारगर है।

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– चौथा तितली आसन जो महिलाओं के लिए काफी लाभदायक होता है। यह आसन प्रजनन अंगो के साथ-साथ पैरों और जंघों को मजबूत करता है।
– पांचवा भस्त्रिका प्राणायाम से श्वसन और पाचन तंत्र पर अनुकूल प्रभाव और फेफड़ों से अतिरिक्त कफ को बाहर निकालता है। सभी अंगों और ऊतकों की जीवन शक्ति को बढ़ाकर रक्त को ऑक्सीजन देता है । यह प्राणायाम उदर क्षेत्र को मजबूत और टोन करता है। मन को शांत करने के साथ-साथ शरीर के प्रजनन अंगों को सक्रिय करता है।
– आखिरी शशांक आसन है जो पेल्विक की मसल्स को मजबूत करता है। साथ ही प्रजनन अंगों की गड़बड़ी को भी दूर करता है जिससे हर्मोनस भी संतुलित रहते है।

खानपान के अलावा आप दिन में एक बार योगा जरुर करे जो फर्टिलिटी रेट को बूस्ट करने में मदद करता है। इस लेख में दी गई जानकारियां और सूचनाएं हमें डॉक्टर चंचल शर्मा द्वारा दी गई है तो सलाह लेने के बाद ही इस पर अमल करें।
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