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योनि में मुख्य रूप से स्वस्थ माइक्रोबायोटा होता है, जब अस्वस्थ माइक्रोबायोटा की संख्या स्वस्थ बैक्टीरिया से अधिक होती है तो महिलाओं को योनि संक्रमण हो जाता है। मूत्रमार्ग और गुदा से योनि का मार्ग निकट होने की वजह से संक्रमण बढने की संभावना अधिक बढ़ जाती है। ऐसे में तनाव, धूम्रपान, योनि की ठीक से सफाई ना होना आदि इस समस्या और बढ़ा सकते हैं। ऐसे में इस समस्या के दौरान कौन-सा आहार लेना चाहिए और क्या नहीं ये पता होना जरूरी है।
- वसासे भरपूर आहार BV (Bacterial Vaginosis) और गंभीर BV के बढ़ते जोखिमों से जुड़ा हुआ है। आहार वसा योनि के पीएच को बढ़ा सकती है और इस प्रकार BV की संभावना को बढ़ा सकती है। सैचुरेटेड फैट आंत की प्रतिरक्षा को कम करके भी कार्य कर सकता है। यह सीधे योनि को प्रभावित कर सकता है या फिर आंत माइक्रोबायोटा के माध्यम से प्रभावित कर सकता है।
- फाइबर, विटामिन और एंटीऑक्सिडेंट से भरपूर एक संतुलित, स्वस्थ आहार, संतृप्त वसा योनि के PH और म्यूकोसल प्रतिरक्षा को बनाए रखने में मदद कर सकता है।
- प्रीबायोटिक्स से भरपूर विभिन्न खाद्य पदार्थ: बिना फैट वाले डेयरी उत्पाद दही, पनीर, प्याज, लीक, शतावरी, लहसुन और सोयाबीन आदि।
- अच्छी तरह से पका हुआ चिकन, मांस या मछली, ताजे फल और सूखे मेवे का सेवन किया जा सकता है। हरी पत्तेदार सब्जी, ताजी सब्जियों का खूब सेवन करें।
- जिन खाद्य पदार्थों से योनि में संक्रमण की संभावना बढ़ सकती है, उनमें फूल फैट वाले डेयरी उत्पाद, पनीर आदि शामिल होते हैं इसलिए इनसे बचना चाहिए। ऐसे फल और सब्जियां, जिन्हें ठीक से धोया और साफ नहीं किया जाता है उन से बचना चाहिए।
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