उत्तराखंड में 19 अगस्त को हुई भारी बारिश के बाद आई आपदा में अब तक छह लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है. इसके अलावा 12 घायल और 11 लोगों के लापता होने की खबर है. लापता 11 में से दो के शव आज बुधवार को मिल गए हैं.
राजधानी देहरादून के पास भारी बारिश से आई आपदा के बाद बुधवार को लापता हुए तीन लोगों के शव मिले। जिलाधिकारी सोनिका ने बताया कि सरखेत में तीन शव मलबे के नीचे दबे मिले। बताया कि आपदा के बाद सरखेत गांव में बारिश का पानी और मलबा घुसने से पांच लोग लापता हो गए थे.
राज्य में 19 अगस्त को हुई भारी बारिश के बाद आई आपदा में अब तक छह लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है. इसके अलावा 12 घायल और 11 लोगों के लापता होने की खबर है. लापता 11 में से दो के शव आज बुधवार को मिल गए हैं. राज्य सरकार ने सभी मृतकों के परिवारों को सहायता प्रदान करने का दावा किया है।
देहरादून जिले के भैंसवाड़, सरखेत, सौदा सरोली रायपुर में भारी बारिश से एक व्यक्ति की मौत हो गयी, जबकि 12 लोग घायल हो गये. वहीं, सात लोग लापता हैं, जिनमें से चार देहरादून से और तीन व्यक्ति टिहरी से संबंधित हैं। बुधवार को राजधानी के पास सरखेत से दो लापता शव मलबे में दबे मिले।
टिहरी में पांच लोगों की मौत की पुष्टि हुई है। इनमें से तीन ग्वाद गांव के हैं, एक सिला का और एक मृतक कीर्तिनगर का है। ग्वाद गांव के चार लोग अभी भी लापता बताए जा रहे हैं, जबकि 20 इमारतों, पांच गौशालाओं को नुकसान का आकलन किया गया है.
आपदा के चार दिन बाद भी लापता 9 लोगों का अभी तक पता नहीं चल पाया है. अब सरकार इन्हें खोजने के लिए थर्मल सेंसर लगाने की तैयारी कर रही है। इससे मलबे में दबे लोगों का पता लगाने में मदद मिलेगी। मलबा हटाने के लिए कई जगहों पर जेसीबी और पोकलान मशीनें लगाई गई हैं, लेकिन सफलता नहीं दिख रही है। वहीं आपदा प्रबंधन सचिव डॉ. रंजीत सिन्हा का कहना है कि अगर देश में कहीं भी मलबे में दबे लोगों को खोजने के लिए थर्मल सेंसर डिवाइस मिलता है तो उसे जल्द से जल्द लाया जाएगा.