इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) के रिसर्चर्स ने डायबिटीज की बीमारी को उलटने का एक फॉर्मूला निकाला है। इसकी मदद से डायबिटीज को शुरुआती दौर में ही धीमा किया जा सकता है। वैज्ञानिकों के मुताबिक अपनी डेली कैलोरीज में 20% प्रोटीन, 50-56% कार्बोहाइड्रेट और 30% से कम फैट शामिल करने से डायबिटीज से बचा जा सकता है।
डाइट में कार्बोहाइड्रेट कम रखें
ICMR की इस रिसर्च में लगभग 18 हजार वयस्कों ने हिस्सा लिया। शोध डायबिटीज केयर जर्नल में प्रकाशित किया गया है। मद्रास डायबिटीज रिसर्च फाउंडेशन (MDRF) की वाइस प्रेसिडेंट डॉ. आरएम अंजना कहती हैं कि पुरानी स्टडीज कार्बोहाइड्रेट को डाइट से पूरी तरह निकाल देने की सलाह देती हैं। हालांकि भारतीयों के लिए ऐसा करना काफी मुश्किल है।
डॉ. अंजना ने आगे कहा- हमारी रिसर्च के नतीजे बताते हैं कि ज्यादा प्रोटीन और हेल्दी फैट के साथ कार्बोहाइड्रेट की मात्रा थोड़ी सी भी कम होती है, तो भी डायबिटीज को रिवर्स किया जा सकता है। साथ ही इसकी बढ़ने की गति को धीमा किया जा सकता है।
खाने की थाली कैसी होनी चाहिए?
रिसर्च में शामिल डॉ. वी मोहन ने बताया कि खाने की आधी थाली में सिर्फ सब्जियां होनी चाहिए। इनमें आलू जैसी स्टार्ची सब्जियों की जगह हरी-पत्तेदार सब्जियां और बीन्स होने चाहिए। थाली का एक चौथाई हिस्सा मछली, चिकन या सोयाबीन जैसे प्रोटीन से भरपूर हो। एक चौथाई हिस्से में चावल या दो रोटियां हों।
देश में डायबिटीज के 7.4 करोड़ मरीज
डॉ. मोहन ने कहा कि भारत में 7.4 करोड़ लोग टाइप-2 डायबिटीज के शिकार हैं। वहीं, 8 करोड़ लोग प्री-डायबेटिक हैं। ये जल्दी-जल्दी डायबेटिक हो रहे हैं। ऐसा अनुमान है कि 2045 तक देश में 13.5 करोड़ लोग डायबिटीज के मरीज होंगे। ये आंकड़ा आज के मुकाबले दोगुना है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की मानें तो 50% से ज्यादा लोगों को उनके डायबेटिक स्टेटस के बारे में जानकारी ही नहीं है।
टाइप-2 डायबिटीज एक सामान्य बीमारी है। इसमें मरीजों का ब्लड शुगर लेवल ज्यादा हो जाता है। इंटरनेशनल डायबिटीज फाउंडेशन के अनुसार, दुनिया में 53.7 करोड़ एडल्ट्स इस बीमारी के शिकार हैं। WHO के मुताबिक 2019 में टाइप-2 डायबिटीज से 15 लाख लोगों की जान गई थी।